लखनऊ : भ्रष्टाचार और लेटलतीफी को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सख्त है। यही वजह है कि इसमें लिप्त लोगों को उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि विकास कार्यो में लेटलतीफी से परियोजना का वित्तीय बोझ अनावश्यक बढ़ जाता है। यह व्यवस्था कतई स्वीकार्य नहीं है।
इस दौरान उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को साफ निर्देश दिए कि समयबद्धता और गुणवत्ता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी परियोजना के लिए कार्यदायी संस्था का चयन करते समय उसकी क्षमता की परख जरूर की जाए, साथ ही कहा है कि पीएम आवास, सीएम आवास और शौचालयों की जियो टैगिंग जरूर कराई जाए।
भगवान गौतम बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु में भारत स्वदेश योजनांतर्गत पर्यटन विकास की परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने जवाबदेह अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिए। वहीं, बस्ती में निर्माणाधीन कलेक्ट्रेट भवन को स्वीकृति के 11 वर्ष बाद भी अधूरा होने पर नाखुशी जताई।
उन्होंने कहा कि प्रयास हो, परियोजनाओं के पुनरीक्षित आगणन की जरूरत न पड़े, भ्रष्टाचार की शिकायतों पर तत्परता से कार्यवाही की जाए। दोषियों से वसूली भी कराई जाए। उन्होंने कहा कि जिले से लेकर शासन स्तर के अधिकारी तय समय सीमा में निर्णय लें। जिस स्तर पर देरी होगी, उसकी जवाबदेही तय की जाए। हर काम के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
बस्ती मंडल में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं बताते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धार्थ नगर में गौतम बुद्ध की क्रीड़ास्थली, संतकबीरनगर में संत कबीर की निर्वाणस्थली और बस्ती में मखौड़ाधाम और 84 कोसी परिक्रमा का क्षेत्र है। इन्हें आधार बनाकर पर्यटन विकास की कार्ययोजना बनाएं और क्रियान्वित करें।
समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त ने अवगत कराया कि जनपद बस्ती में संचालित अमृत योजना तीन फेज में संचालित की जानी है। प्रथम चरण के अंतर्गत गृह संयोजन एवं वटर मीटर की स्थापना की जानी थी, जिसके अंतर्गत 2440 मीटर सहित गृह संयोजन एवं 2925 वाटर मीटर की स्थापना की गई है। फेज एक का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण है।