वाशिंगटन : दुनियाभर में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अब तक कई शोध हो चुके हैं और कई चल रहे हैं। अब तक हुए कई शोध से निकली जानकारी के मुताबिक कहीं न कहीं इसकी उत्पत्ति के पीछ चमगादड़ ही हैं। चीन से हुए शोध में भी यही बात सामने आई थी जबकि अब अमेरिका यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न केलीफोर्निया की प्रोफेसर पाउली केनन के शोध में भी काफी कुछ यही बात निकलकर आई है।
यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी और पिछले एक दशक में आई संक्रामक रोगों का संबंध वन्यजीवों से है। यूनिवर्सिटी में प्रफेसर पाउला कैनन ने कहा, ‘हमने ऐसी परिस्थितियां पैदा की हैं जिसमें मात्र कुछ समय के अंदर यह हो गया। यह कुछ समय बाद दोबारा होगा।’
वैज्ञानिक अभी यह निश्चित नहीं हैं कि ताजा संक्रमण कैसे शुरू हुआ लेकिन उनका मानना है कि कोरोना वायरस घोड़े की नाल के आकार के चमगादड़ों से फैला है। कैनन के मुताबिक शोध के जरिए इस बात के पर्याप्त साक्ष्य सामने आए हैं कि कोरोना वायरस चमगादड़ों के जरिए ही इंसान में फैला और फिर ये एक से दूसरे इंसान में होते हुए पूरी दुनिया में फैल गया। उनके इस शोध में वही बात निकलकर आई है जो इससे पहले कई दूसरी रिसर्च में भी आ चुकी है।
रिसर्च टीम के वैज्ञानिक इस बात में एक राय रखते हैं कि इबोला वायरस भी चमगादड़ों से ही इंसानों में आया था। इस वायरस ने वर्ष 1976, 2014 और 2016 में अफ्रीका में कई लोगों की जान भी ली थी। केनन की मानें तो शोध के दौरान उन्हें कोरोना वायरस के ऐसे कई जेनेटिक कोड मिले हैं जो चमगादड़ों में पाए जाते हैं।