कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद अब सहकारी बैंक में नियुक्ति मामले में सामने आई अनियमितताओं में राज्य के सहकारी मंत्री अरुप राय का नाम सामने आया है। इसे लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल किए गए अतिरिक्त हलफनामे में अरुप राय का नाम है। उल्लेखनीय है कि तमलुक-घाटाल केंद्रीय सहकारी बैंक में हुईं नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पिछले साल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि सहकारी बैंक के 52 पदों पर नियुक्तियों के लिए अधिसूचना जारी की गई थी जबकि 134 लोगों की नियुक्तियां की गईं, जो कि दो गुना से भी कहीं अधिक है।
अरूप राय ने ही उन नियुक्तियों की अनुमति दी थी। नौकरी के लिए आवेदन नहीं करने वाले बहुतों को भी नौकरियां दी गई थीं। इनमें अरूप राय व बैंक के चेयरमैन के करीबी शामिल हैं। दूसरी तरफ अरूप राय ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि सहकारी बैंक में नियुक्तियों के मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के जिन नेताओं के खिलाफ हाई कोर्ट में मुकदमा किया गया है, उनमें अरूप राय का नाम भी शामिल है। हाईकोर्ट ने उस मामले में ईडी को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है, जिसपर पुनर्विचार के लिए अरूप राय व राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।