(अ)न्यायपालिका
काग़ज़ात देख के भी राम का न काम किया
विधि भी न बच पाये जिनके विधान से
और घुसपैठियों के पैंठ और ठीयों पे तो
झट अवतरित हुए हैं भगवान-से
न्यायपालिका को देखो, बालिका के दोषियों को
देती है जो फाँसी से अभयदान शान से
आम जन हैं सवाली, और मज़े में मवाली
सेल में ले आते बेल, न्याय की दुकान से
–डीपी सिंह