डीपी सिंह की रचनाएं

*देश के दीमक*

देश में दीमकों की बड़ी खान है
नींव ही चट करें, जिनका अरमान है
हो रहा है दवा का जो छिड़काव अब
हर तरफ़ गंध पर ही घमासान है

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