नयी दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने गर्मी के मौसम में अत्यधिक मांग से निपटने में मदद के लिए देश भर के ताप संयंत्रों को सूखे ईंधन की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की है, लेकिन प्रमुख कोयला कंपनियों पर बिजली क्षेत्र का बकाया राशि 20,000 करोड़ रुपये से अधिक है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) को सूखे ईंधन की बिक्री के लिए बिजली क्षेत्र द्वारा देय बकाया राशि 28 फरवरी, 2023 तक क्रमश: 16,629.41 करोड़ रुपये और 3,713 करोड़ रुपये है।

कोयला खनन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बकाया राशि में वृद्धि से कोयला कंपनियों की कार्यशील पूंजी और नकदी प्रवाह की स्थिति प्रभावित होती है। इस बीच इस महीने की शुरुआत में कोयला मंत्रालय ने कहा था कि उसके पास देश में 10 करोड़ टन से अधिक घरेलू सूखा ईंधन उपलब्ध है।

जो अगले डेढ़ महीने की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इसने यह भी कहा था कि इसका वर्तमान दैनिक उत्पादन दैनिक राष्ट्रीय आवश्यकता से अधिक है, और इसलिए यह मुख्य रूप से थर्मल पावर प्लांटों से पीक डिमांड को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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