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कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ मंत्री अखिल गिरी की टिप्पणी के संबंध में कहां है कि इस मामले से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कोई लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने सीएम का नाम इस मामले से हटाने का निर्देश दिया है। इस संबंध में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मामले से ममता बनर्जी का कोई लेना देना नहीं है।
इसलिए उनका नाम रखने का कोई औचित्य नहीं। नवंबर महीने में नंदीग्राम में जनसभा के दौरान अखिल ने राष्ट्रपति की सूरत को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसे लेकर देशभर में तीखी आलोचना हुई थी। इसी को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी।
नीलाद्री साहा नाम के अधिवक्ता की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सहमति से राष्ट्रपति को अपमानित किया गया है। इसीलिए इस पर सुनवाई होनी चाहिए। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।