जम्मू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 अप्रैल के जम्मू-कश्मीर के सांबा दौरे से पहले आतंकवादियों ने जम्मू के सुंजुवान इलाके में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की बस पर हमला कर दिया, जिसमें एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) शहीद हो गये, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने त्वरित जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीआईएसएफ की बस पर हमला जलालाबाद इलाके में चड्ढा कैंप के पास हुआ। बस में सीआईएसएफ के 15 जवान सवार थे। वे अपनी सुबह की पाली की ड्यूटी के लिए जा रहे थे, तभी जम्मू शिविर के पास तड़के करीब 4.25 बजे आतंकवादियों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया।
हमले में एक एएसआई शहीद हो गये और करीब छह अन्य घायल हो गये। जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकियों की पुष्टि ने की। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक सैटेलाइट फोन, दो एके 47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है। एडीजीपी ने कहा, “हमने अभी तक अभियान बंद नहीं किया है और तलाश जारी है।” आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों आतंकवादी कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद संगठन से ताल्लुक रखते हैं और संभवत: सांबा के पल्ली में प्रधानमंत्री की जनसभा से पहले जम्मू में फिदायीन हमले की फिराक में थे।
सीआईएसएफ जवानों को ले जा रही बस पर पहले ग्रेनेड फेंका गया। उसके तुरंत बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। सीआईएसएफ कर्मियों ने गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया और आतंकवादियों को भागने के लिए मजबूर कर दिया। उसके बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गयी। जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती समूह के दो आतंकवादियों के सुंजुवान ब्रिगेड कैम्प से सटे जलालाबाद इलाके में छिपे होने का संदेह था, जिसके कारण जम्मू पुलिस और अन्य सुरक्षा बल पहले से ही हाई अलर्ट पर थे।