संवाददाता : वर्धमान के कालना में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ओर जहां हिंदू देवी – देवताओं के मंदिरों की चर्चा कर भाजपा के हिंदू कार्ड को भोथरा करने की कोशिश की, वहीं सर्वधर्म सद्भावना का राग अलाप कर समाज के हर वर्ग का दिल जीतने की भी कोशिश की। कालना तहसील में प्राचीन काल से ही हिंदुत्व का व्यापक प्रभाव है । भाजपा इस परिस्थिति का लाभ उठाने में जी जान से जुटी है। पार्टी बार – बार पूर्वस्थली , कालना तथा मंतेश्वर विधानसभा इलाके में प्रचार अभियान चला रही है । कालना के बद्दिपुर में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने हिंदुत्व के प्रभाव का विस्तार से वर्णन किया , वहीं सर्व धर्म सद्भावना पर भी जोर दिया।
ममता बनर्जी ने कहा कि कालना वैष्णव धर्म का पथ प्रदर्शक रहा है। इस शहर को अंबिका कालना भी कहते हैं। अंबिका मां काली का ही एक रूप है।
प्राचीन ग्रंथों में भी कालना का उल्लेख मिलता है। हिंदू धर्म के इतिहास से समृद्ध है यह इलाका। कालना में १०८ शिव मंदिर है। ये काफी प्रख्यात है। हमने इन मंदिरों के संरक्षण की व्यवस्था की है। महाप्रभु चैतन्य देव का एकमात्र मंदिर भी यहां है। यही नहीं यहां कई पौराणिक मंदिर है तो ईसाई धर्म की शाखाएँ भी। प्राचीन बौद्ध मंदिर है तो दांतनकाठी मस्जिद भी। इसीलिए मैं कालना को सर्वधर्म सद्भावना का पीठ स्थान कहती हूं। माना जा रहा है कि हिंदू देवी – देवताओं के मंदिरों की चर्चा कर मुख्यमंत्री ने भाजपा के हिंदू कार्ड को विफल करने की कोशिश ही की है।