मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की ईडी के हाथों गिरफ्तारी और उनकी करीबी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ से अधिक नकदी की बरामदगी के बाद से ही पार्टी के भीतर और बाहर दबाव में चल रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आखिरकार पार्थ को मंत्रिमंडल से हटा दिया। बंगाल सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एसएससी भर्ती घोटाले में आरोपी पार्थ चटर्जी 28 जुलाई से विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्‍त कर दिया गया है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस पहले लगातार कह रही थी दोषी साबित होने के बाद पार्थ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दो दिन बाद ममता ने भी लगभग यही बात कही थी लेकिन विपक्षी दलों के अलावा पार्टी के भीतर भी पार्थ के मुद्दे पर असंतोष लगातार बढ़ रहा था। सूत्रों ने बताया कि टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उठाए जाने वाले अगले कदम पर चर्चा के लिए दोपहर 2.30 बजे पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। राज्‍य के शिक्षा मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान स्‍कूल शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता को लेकर चटर्जी को पिछले सप्‍ताह गिरफ्तार किया गया था। मीडिया के इस सवाल कि क्‍या आप मंत्री के तौर पर पद छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, चटर्जी ने जवाब दिया था, “मुझे इस्‍तीफा क्‍यों देना चाहिए।”

IMG-20220728-WA0014पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है क्‍योंकि वह कथित भ्रष्‍टाचार का बचाव करने वाले के तौर पर नहीं दिखना चाहती। सांसद अभिषेक बनर्जी ने पार्थ के मुद्दे पर फैसले के लिए आज शाम को पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक बुलाई थी लेकिन ममता ने उससे पहले ही पार्थ को हटाने का फैसला कर लिया। पार्थ चटर्जी फिलहाल उद्योग मंत्री थे। जब वह शिक्षा मंत्री थे उस दौरान हुए घोटाले के लिए उनको गिरफ्तार किया जा चुका है।

पार्थ की गिरफ्तारी अर्पिता मुखर्जी के पकड़े जाने के बाद हुई थी। अर्पिता के घर पर मारे गये छापे में 20 करोड़ के करीब कैश मिला था। इसके बाद बुधवार को अर्पिता के दूसरे घर पर छापा पड़ा वहां भी 20 करोड़ रुपये करीब कैश और साथ ही कई किलो सोना भी बरामद हुआ था। ईडी का मानना है कि यह वही पैसा है जो कि शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले में घूस के तौर पर लिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × five =