चैत्र पूर्णिमा का व्रत 23 अप्रैल मंगलवार को

चैत्र पूर्णिमा के दिन जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान करें

चैत्र दिवा और रात्रि पूर्णिमा व्रत 23 अप्रैल मंगलवार को

वाराणसी। चैत्र पूर्णिमा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 23 अप्रैल सुबह मंगलवार को सुबह 03 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 24 अप्रैल दिन बुधवार सुबह 05 बजकर 19 मिनट तक है। ऐसे में चैत्र दिवा और रात्रि पूर्णिमा व्रत 23 अप्रैल मंगलवार को ही होगा।

इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप श्रीसत्यनारायण जी का पूजन किया जाता है और भगवान श्रीसत्यनारायण जी की कथा पढ़ना अथवा सुनना या पूजा करवाना बेहद शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान श्रीगणेश जी, माता पार्वती, भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है।

चैत्र पूर्णिमा पर पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान करने का विशेष महत्व है किसी कारण वश नदियों में स्नान नही कर पाए तो घर में ही पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें और घर के आस पास जरूरतमंद लोगों को यथाशक्ति दान अवश्य करें ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। इस दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है। इस दिन श्री हनुमान जयंती भी है।

ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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