बंगाल में केंद्रीय बलों की गश्ती शुरू, मतगणना तक तैनाती चाहता है विपक्ष

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आगामी आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव मतदान की सुरक्षा के लिए लाख टालमटोल के बाद आखिरकार केंद्रीय बलों की तैनाती शुरू हो गई है। राज्य के कई जिलों में सेंट्रल फोर्स के जवानों ने रूट मार्च शुरू कर दिया है।शुरुआती तौर पर अलीपुरद्वार, बांकुड़ा, बीरभूम, कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर, दार्जिलिंग, हुगली, हावड़ा, जलपाईगुड़ी, झाड़ग्राम, कलिम्पोंग, मालदा, मुर्शिदाबाद, नादिया, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बर्दवान में केंद्रीय बलों की 22 कंपनियां तैनात की गई हैं।

पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्वी बर्दवान, पूर्वी मेदिनीपुर, पुरुलिया, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर में भी तैनाती हो गई है। शुक्रवार रात तक की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बल जलपाईगुड़ी, आरामबाग, बांकुड़ा में रूट मार्च कर रहे हैं। झाड़ग्राम में पहले से ही केंद्रीय बल मौजूद थे। उन्होंने झाड़ग्राम के पंचायत क्षेत्र में गश्त शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक आज शनिवार से राज्य के प्रत्येक जिले में केंद्रीय बलों का मार्च शुरू हो जाएगा।

इधर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी शुक्रवार को पांच सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य चुनाव आयोग गए थे। वहां से बाहर आकर उन्होंने दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव के निपटारे के बाद बंगाल में अभूतपूर्व हिंसा देखी गई। उस घटना से सीख लेते हुए पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद मतगणना तक तो केंद्रीय बलों की तैनाती होनी ही चाहिए। इसके साथ ही राज्य में कानून व्यवस्था संभालने के लिए चुनाव बीत जाने के 15 दिनों बाद तक केंद्रीय बलों को राज्य में ही रखना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती को चुनाव आयोग और राज्य सरकार की ओर से भरसक टालने की कोशिश की गई। लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्ती से निर्देश दिया है कि कम से कम 82 हजार केंद्रीय बलों की तैनाती होनी चाहिए। इसके बाद ही इसकी शुरुआत की गई है।

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