कोलकाता। कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव एवं कॉलेज का वार्षिक सांस्कृतिक अनुष्ठान आयोजित किया गया। 17 अगस्त को महानगर के ज्ञान मंच सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हावर्ड यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के गार्डिनियर प्रोफेसर एवं पूर्व सांसद प्रो. सुगत बोस उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य सभा सांसद एवं कॉलेज संचालन समिति के अध्यक्ष जनाब मो. नदीमुल हक उपस्थित थे।
इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल सरकार के अल्पसंख्यक मामलों एवं मदरसा शिक्षा विभाग के सचिव जनाब गोलाम हसन उबैदुर रहमान, विशेष सचिव जनाब शकील अहमद, छपते – छपते के प्रधान सम्पादक विश्वम्भर नेवर, कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की संचालन समिति की सदस्य मैत्रेयी भट्टाचार्य, मौलाना आजाद कॉलेज के उर्दू विभागाध्यक्ष एवं कॉलेज संचालन समिति के सदस्य डॉ. दाबिर अहमद भी समारोह में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदीप प्रज्ज्वलन के साथ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सत्या उपाध्याय एवं अतिथियों ने किया। समारोह में स्वागत वक्तव्य रखते हुए डॉ. उपाध्याय ने ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की कामना की। आजादी के अमृत महोत्सव के महत्व एवं उसके उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने नयी पीढ़ी को अपने कर्त्तव्यपथ पर अडिग रहने, अपने देश प्रेम और देश के प्रति अपने उत्तरदायित्व की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का यह धर्म है कि नयी पीढ़ी को वे सद्प्रेरणा, सत्चरित्रता और सत्कर्म की शिक्षा दें।
शिक्षकों की पैनी दृष्टि राजनीति, समाज नीति पर भी रहनी चाहिए और तभी समाज संस्कार सुदृढ़ होगा। इसी के साथ ही उन्होंने कॉलेज की प्रगति का वार्षिक विवरण प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि वक्ता मुख्य अतिथि के रूप में हावर्ड यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के गार्डिनियर प्रोफेसर एवं पूर्व सांसद प्रो. सुगत बोस ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस पर केन्द्रित अपने वक्तव्य में कहा कि नेता जी ऐसे एकमात्र नेता थे।
जो हर भाषा, जाति, धर्म पर विश्वास करते थे और सबको साथ लेकर चलते थे। स्त्री – पुरुष समानता में उनका गहरा विश्वास था और वे आजीवन लैंगिक विषमता को दूर करने के लिए काम करते रहे। पश्चिम बंगाल सरकार के अल्पसंख्यक मामलों एवं मदरसा शिक्षा विभाग के सचिव जनाब गोलाम हसन उबैदुर रहमान ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि भारत बहुत आगे बढ़ चुका है मगर अब भी बहुत कुछ करना बाकी है और यह काम युवाओं को ही करना है।
समारोह में उपस्थित राज्य के मदरसा विभाग के विशेष सचिव जनाब शकील अहमद ने युवाओं को शिक्षा के माध्यम से देश का नाम रोशन करने को प्रेरित किया। छपते – छपते के प्रधान सम्पादक विश्वम्भर नेवर ने कहा कि आजादी का सही मतलब अशिक्षा और भुखमरी से आजादी है। शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सुधार आया है और आज लड़कियां शानदार प्रदर्शन कर रही हैं।
राज्यसभा सांसद एवं कॉलेज संचालन समिति के अध्यक्ष जनाब मो. नदीमुल हक ने कहा कि भारत की यह खूबी है कि हमारा लोकतंत्र आज भी सक्रिय है और यहाँ धर्म, जाति और भाषा से परे लोग साथ रहते हैं। कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की संचालन समिति की सदस्य मैत्रेयी भट्टाचार्य ने कहा कि हम सभी को मिलकर देश को आगे ले जाना होगा। मौलाना आजाद कॉलेज के उर्दू विभागाध्यक्ष एवं कॉलेज संचालन समिति के सदस्य डॉ. दाबिर अहमद ने कहा कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद का यह समय आत्ममंथन और आकलन का समय है।
इस अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव पर कॉलेज की ओर से प्रकाशित स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया। समारोह में कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज में अमृत महोत्सव पालन समारोह की दृश्य – श्रव्य प्रस्तुति की गयी। समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अन्तर्गत वंदेमातरम् की ऐतिहासिक यात्रा का प्रदर्शन किया गया। भारतीय स्त्रियों की स्थिति पर केन्द्रित एवं जुनून- ए- आजादी पर एक माइम की प्रस्तुति की गयी जिसमें स्वाधीनता आन्दोलन की यात्रा दिखायी गयी। इसके साथ ही मेधावी छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।