नव संकल्प कर नवरात्र राम नवमी मनाए : डॉ. रश्मि शुक्ला

प्रयागराज । सामाजिक सेवा एवम् शोध संस्थान ने प्रयागराज में नवरात्रि साथ रामनवमी पर्व की सबको शुभकामनाएं दी। नवरात्र पर नव संकल्प लेने का निर्णय किया कि हम सबको समरसता भाव से नवरात्रि को मनाना है। हम सभी को नवरात्र नव संकल्प का पालन करना है। पहला संकल्प हम दो हमारे दो। बेटे की चाह में हमको अब जनसंख्या पर नियंत्रण करना होगा। दो बच्चों में ही अब खुश रहना है। चाहे वह दो लड़का हो, चाहे वह दो लड़कियां हो। दूसरा संकल्प अब सबको शिक्षित होना है। तीसरा संकल्प सब महिलाओं को स्वरोजगार, स्वावलंबन से जुड़ना होगा। चौथा संकल्प स्वास्थ्य का संकल्प लेना है। पांचवा संकल्प पर्यावरण संरक्षण करना है। छटा संकल्प स्वच्छता पर ध्यान रखना है। सातवां संकल्प हमको मानव, पशु पक्षी के हित में कार्य करना है। आठवां संकल्प जाति धर्म में भेदभाव नहीं करना है। नौवा संकल्प प्रकृति सौदर्य को सुरक्षित रखना।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रियंका मिश्रा आबकारी निरीक्षक (पीसीएस) अधिकारी ने सब को संबोधित करते कहा कि प्रकृति का हमें पूजा करना और उसका संरक्षण भी करना होगा। सामाजिक सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. रश्मि ने कहा कि पूजा सामग्री को खाद बना लें, हमें फेंकना नहीं है उसको अपनी कलाकृति द्वारा सजाकर घर में ही रखना है जैसे पूजा के कलश को सजा कर पेंट करके या उसमें पानी भरकर इस्तेमाल करें सूखे फूलों को सजाकर या अन्य कई तरह से इस्तेमाल करें, जिससे कि पूजा सामग्री का घर में साज सज्जा के काम ले आए। नारियल को सजाकर हम बाजार में बेच सकते हैं। जिससे रोजगार मिलेगा। पूजा-पाठ की साम्रगी बहुत उपयोग होती हैं। ये काम की चीजें हम नदी में तालाब या सड़क पर फेंक देते हैं। इसका हम उपयोग करें तो हमें धन लाभ प्राप्त होगा और पर्यावरण का भी संरक्षण होगा।

इस कार्यक्रम में सोनम पांडे, श्रुति मेहता, नीलू सिंह, अनुपमा सिन्हा, निरजा अग्रवाल, विनीता नारायण, नंदनी श्रीवास्तव, प्रज्ञा मिश्रा, सुधीर कुमार शुक्ला, चित्रांश शुक्ला, अनुश्री शुक्ला आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में सभी को सम्मानित किया गया सभी ने अपने अपने विचार व्यक्त किए सबका कहना था कि कन्या को अब तन से, धन से, मानसिक रूप से, शारीरिक रूप से शक्तिशाली होना है। बेटा, बेटी में कोई मतभेद नहीं करना है। छोटा परिवार सुखी परिवार की भावना से रहना है। सभी को मिलजुल कर रहना है। भारतीय संस्कार, संस्कृती को बच्चों को सिखाना हर माँ का दायित्व है। कार्यक्रम का समापन देवी गीत नृत्य एवं सबके सुखमय जीवन की प्रार्थना की कामना भाव के साथ संपन्न हुआ।

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