कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले में शुक्रवार को विशेष अदालत में अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया। चार्जशीट में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी समेत कुल 16 लोगों के नाम हैं। चटर्जी का नाम सूची में छठे स्थान पर है। इस मामले में सीबीआई की पहली चार्जशीट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 30 सितंबर को अपनी पहली चार्जशीट पेश किए जाने के 11 दिन बाद पेश की गई है।
ईडी चार्जशीट में चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी समेत छह का नाम शामिल है। मामले में जांच शुरू करने के 51 दिनों के बाद सीबीआई ने चार्जशीट पेश की है। सीबीआई की चार्जशीट में अन्य महत्वपूर्ण नामों में पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीएसएससी) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय, डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व सचिव अशोक साहा और डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व संयोजक एसपी सिन्हा शामिल हैं। चटर्जी एकमात्र ऐसा नाम है जो दोनों चार्जशीट में शामिल है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि, अगर कोई घोटालों का दोषी पाया जाता है तो कानून अपना काम करेगा और पार्टी इस मामले पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करेगी। माकपा के राज्यसभा सदस्य बिकाश भट्टाचार्य ने कहा कि, केंद्रीय एजेंसियों को जांच प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए और घोटाले के आरोपियो को जल्द सजा मिलनी चाहिए। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि सीबीआई सही दिशा में जा रही है।
हाल ही में सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की पीठ में अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जहां यह बताया गया था कि पात्र उम्मीदवारों को वंचित करने वाले अपात्र उम्मीदवारों के लिए जगह बनाने के लिए डब्ल्यूबीएसएससी के सर्वर पर नंबरों से छेड़छाड़ कैसे की गई। अपनी रिपोर्ट में, सीबीआई के अधिकारियों ने यह भी बताया कि सर्वर पर 0 से 5 के अंक 50 से 53 में बदल दिये गए। सीबीआई ने सहायक दस्तावेजों के रूप में मूल ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की स्कैन की गई प्रतियां भी जमा कीं।