कोलकाता। करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक कथित बिचौलिए को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान प्रदीप सिंह के रूप में हुई है और सीबीआई सूत्रों के अनुसार, उसने घोटालेबाजों और उम्मीदवारों के बीच एक बिचौलिया के रूप में काम किया। इस सिलसिले में यह पांचवीं गिरफ्तारी है और सीबीआई की तीसरी गिरफ्तारी है। सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति उम्मीदवारों से धन इकट्ठा करने और उन्हें राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के साथ-साथ डब्ल्यूबीएसएससी के कुछ पदाधिकारियों तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार था, जिनकी देखरेख में लंबे समय तक अनियमितताएं हुईं।
केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी गुरुवार को उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। इससे पहले सीबीआई के अधिकारियों ने डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व संयोजक शांति प्रसाद सिन्हा को गिरफ्तार किया था, जिन्हें पूरे घोटाले का केंद्र माना जाता था और आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा को गिरफ्तार किया गया था। दोनों फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं। इससे पहले पिछले महीने, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव, पार्थ चटर्जी और उनके सहयोगी और अपराध में कथित साथी अर्पिता मुखर्जी को इसी मामले में गिरफ्तार किया था।
उस समय अर्पिता मुखर्जी के दो आवासों से भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद हुआ था। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं। बुधवार को ही, सीबीआई के अधिकारियों ने उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय (एनबीयू) के कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य के आवास और कार्यालय पर छापे और तलाशी अभियान चलाया। वह 2014 और 2018 के बीच की अवधि में डब्ल्यूबीएसएससी के अध्यक्ष थे, जब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे, जब शिक्षक भर्ती घोटाला कथित तौर पर हुआ था।