कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल ने बुधवार को एक बार फिर सीबीआई के समन से किनारा कर लिया। यह दसवीं बार है, जब मंडल ने स्वास्थ्य के आधार पर जांच एजेंसी के नोटिस को टाला है। पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष मंडल को बुधवार को सुबह 11 बजे केंद्रीय कोलकाता में सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय में उपस्थित होना था। हालांकि, लगभग 10 बजे मंडल के दो वकील निजाम पैलेस पहुंचे और अस्वस्थ होने के कारण उनके पेश होने में असमर्थता जताई।
उन्होंने बोलपुर उप-मंडल अस्पताल का एक पुर्जा पेश किया, जिसमें मंडल को आराम करने की सलाह दी गई है। वह इस साल मई में सिर्फ एक बार पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय में पेश हुए थे और तब से वह लगातार केंद्रीय एजेंसी के समन को नजरअंदाज कर रहे हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस मामले में सीबीआई की अगली कार्रवाई क्या होगी और एजेंसी के अतिरिक्त निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी, जो इस समय कोलकाता में हैं, आगे की कार्रवाई पर चर्चा कर रहे हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता के मुताबिक, सीबीआई के पास फिलहाल तीन विकल्प हैं – पहला, कोर्ट जाकर मंडल की गिरफ्तारी का आदेश प्राप्त करना। दूसरा, बोलपुर आवास पर उनसे पूछताछ करना और तीसरा और अंतिम विकल्प एक नई तारीख के साथ एक नया समन जारी करना। इस बीच विपक्षी दलों ने फिर सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि सीबीआई मंडल को इतना लंबा समय क्यों दे रही है।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य और पश्चिम बंगाल विधानसभा में वाम दलों के पूर्व नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, अब यह स्पष्ट है कि मंडल ने सीबीआई की पूछताछ से बचने के लिए ढाल के रूप में पहले एसएसकेएम और फिर बोलपुर उप-मंडल अस्पताल से प्राप्त चिकित्सा पुर्जे का इस्तेमाल किया है। मुझे समझ में नहीं आता कि सीबीआई किसका इंतजार कर रही है। इसे अब सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा कि अगर मंडल को लगता है कि वह चिकित्सकीय नुस्खे का इस्तेमाल कर केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ से अनिश्चितकाल तक बच सकेंगे, तो वे गलत हैं। इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने बेहद सतर्क होकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, अब यह सीबीआई और मंडल के बीच का मामला है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।