साहित्य अकादेमी कोलकाता का ‘साहित्य मंच’ के अंतर्गत “धर्म, नीति एवं मानव मूल्य” विषय पर व्याख्यान का आयोजन

कोलकाता। साहित्य अकादेमी के क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता द्वारा ‘साहित्य मंच’ के अंतर्गत “धर्म, नीति एवं

राजीव कुमार झा की कविता : जिंदगी के तराने

।।जिंदगी के तराने।। राजीव कुमार झा प्रेम की नदी सुबह बहती चली आती इसकी धारा

कालिदास स्मृति प्रसंग सम्पन्न

कालिदास स्मरण प्रसंग में हुई देव प्रबोधनी पर विद्वत् संगोष्ठी, वागर्चन एवं महाकवि कालिदास की

राजीव कुमार झा की कविता : दीवाना

।।दीवाना।। राजीव कुमार झा नर्म अहसासों से सुबह रोशनी मन को जगाती अंधेरे में सितारों

राजीव कुमार झा की कविता : धान की क्यारी

।।धान की क्यारी।। राजीव कुमार झा पहली नजर में निगाहें तुम्हारी जिंदगी के रंगो नूर

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

अद्भुत वीरता, शक्ति और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक के रूप में सदैव अमर है महारानी लक्ष्मीबाई

राजीव कुमार झा की कविता : जंगल

।।जंगल।। राजीव कुमार झा कस्तूरी की गंध महकती हिरनी उसे ढूंढने कड़ी धूप में मारी-मारी

डी.पी. सिंह की रचनाएं

ज्ञान-दीप अज्ञान-तिमिर से डट कर सारी रात लड़ा जारी था प्रतिरोध तमस का, दीप तले

राजीव कुमार झा की कविता : जिंदगी की डोर

।।जिंदगी की डोर।। राजीव कुमार झा कभी मुहब्बत जिंदगी का पैगाम हो जाता तुम्हारे साथ

राजीव कुमार झा की कविता : बधाई

।।बधाई।। राजीव कुमार झा यह हंसी नये मौसम की धूप आकाश में छिटकी हवा घेरकर