#Kolkata: विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर अभूतपूर्व कवि गोष्ठी का आयोजन
निप्र, कोलकाता : 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” का आयोजन प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ.
जननी और जन्मभूमि के प्रेम जाग्रत करना सच्ची राष्ट्रीयता है – प्रो. शर्मा
देश भर के कवियों ने गाए आजादी के तराने निप्र, उज्जैन : प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय
तुलसीदास जैसी राम राज्य की अवधारणा और कोई भी नहीं कर सका : श्री वाजपेई
स्वतंत्रता दिवस एवं तुलसी जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने आयोजित की संगोष्ठी निप्र, उज्जैन
डीपी सिंह की रचनाएं
कुण्डलिया कितना बड़ा मज़ाक है, सोचो! करो विचार फ्लाई ओवर पर उगी, रातों रात मजार
डीपी सिंह की रचनाएं
कुण्डलिया अपनी ऊँची जात पर, जिनको था अभिमान छोटे बन कर छेड़ते, आरक्षण की तान
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की महिला इकाई की बैठक में अनेक निर्णय हुए
निप्र, उज्जैन : देश की जानी मानी संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की राष्ट्रीय महिला इकाई
श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : “जो जस करहिं, सो तस फल चाखा”
मरणासन्न व्यक्ति कभी हँसता और कभी रोता है, वह उसके अच्छे कर्मों और बुरे कर्मों
महाराष्ट्र के शिखर संत का ज्ञानवाणी एवं गुरु परंपरा पर आभासी संगोष्ठी संपन्न
निप्र, उज्जैन : राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी का आयोजन
बंगीय हिंदी परिषद के तत्वाधान में कवि-कल्प की गोष्ठी का आयोजन गुगल मीट के माध्यम से संपन्न
निप्र, कोलकाता : बंगीय हिन्दी परिषद के तत्वावधान में रविवार को संध्या 5:00 बजे गूगल
डीपी सिंह की रचनाएं
जाने किसने कह दिया, हुआ कहाँ से भान देखो देखो ले गया, कौवा तेरा कान