कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुछ छात्रावास के कमरों के ताले तोड़ने का आदेश दिया है ताकि उन छात्रों को सुविधा मिल सके जिनकी सेमेस्टर परीक्षाएं 11 मार्च से शुरू होने वाली हैं। अदालत को इस बात की जानकारी दी गई कि बड़ी संख्या में छात्र विश्वविद्यालय परिसर में ही टिके हुए हैं क्योंकि उन्हें छात्रावास के कमरे आवंटित नहीं किए गए हैं। इसके बाद अदालत ने आदेश पारित किया। केंद्रीय विश्वविद्यालय के वकील ने बताया कि वरिष्ठ छात्रों ने बड़ी संख्या में कमरों को अपने सामान के साथ बंद कर दिया गया है।
इस पर न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय, पुलिस और समिति में नामित छात्रों के दो प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ताले तोड़े जाएं। समिति में नामांकित छात्रों की संख्या। अदालत ने शांतिनिकेतन पुलिस थाने के प्रभारी को निर्देश दिया कि वो इस उद्देश्य के लिये दो कांस्टेबल भी तैनात करें।न्यायमूर्ति मंथा ने निर्देश दिया, “सभी कमरे, जो विश्वविद्यालय की राय में बंद नहीं रहने चाहिए, उनके ताले तोड़ने के बाद खोले जाएंगे… कमरों के अंदर के सामानों की सूची बनाई जाएगी और एक अलग स्थान पर रखा जाएगा।”
अदालत ने निर्देश दिया कि परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार छात्रों को ऐसे कमरों पर कब्जा करने में प्राथमिकता दी जाएगी। न्यायमूर्ति मंथा ने शांतिनिकेतन पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई बाहरी व्यक्ति विश्वविद्यालय में न रहे और न ही परिसर में प्रवेश करे। अदालत ने निर्देश दिया, “शांतिनिकेतन पुलिस किसी भी समय अपने विवेक से आवधिक और औचक निरीक्षण करेगी। उसने कहा कि इस मामले में आगे की कार्रवाई पर विचार करने के लिये दो हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी।