नई दिल्ली। सीए और सीएस पाठ्यक्रम अब पोस्ट ग्रेजुएशन के समकक्ष माने जाएंगे। सीए और सीएस कर चुके छात्रों को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी यूजीसी इसके अलावा अन्य अवसर भी प्रदान कर रही है। इसके तहत सीए और सीएस कर चुके छात्र यूजीसी नेट की परीक्षा दे सकते हैं। साथ ही वह पीएचडी करने के लिए भी सक्षम होंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, “संस्थान द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन के आधार पर यूजीसी ने कंपनी सेक्रेटरी को पीजी डिग्री के समकक्ष मान्यता दी है। यह फैसला दुनिया भर में कंपनी सेक्रेटरी प्रोफेशन के लिए लाभकारी होगा। हम इसके लिए यूजीसी के आभारी हैं।”
यूजीसी ने इंडियन चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (कउअक), इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (कउरक) और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के अनुरोध पर यह फैसला किया है।
यूजीसी द्वारा लिए गए इस निर्णय की जानकारी एक पत्र के माध्यम से देते हुए यूजीसी के संयुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह ने कहा, “यूजीसी को सीए और कंपनी सेक्रेटरी के साथ-साथ कॉस्ट अकाउंटिंग की तरफ से यह आवेदन प्राप्त हुआ था। अपने अनुरोध में इन संस्थानों ने सीए, सीएस और कॉस्ट अकाउंटिंग को पीजी के समकक्ष दर्जा देने की मांग की थी। यह आवेदन प्राप्त होने के उपरांत इसके लिए यूजीसी ने एक विशेष कमेटी का गठन किया। यूजीसी की 550वीं मीटिंग के दौरान यह आवेदन स्वीकार कर लिया गया है।”
सीए और सीएस ने इस संबंध में यूजीसी को भेजे गए अपने अनुरोध में कहा था कि सीए और सीएस उत्तीर्ण कर चुके युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। एमकाम और एमबीए के मुकाबले सीए सीएस और आइसीडब्ल्यूए के विद्यार्थियों का सिलेबस काफी विस्तृत है। बावजूद इसके इन छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्रों के समतुल्य नहीं माना जाता साथ ही यह छात्र शोध के लिए भी एलिजिबल नहीं माने जाते।
सीए और सीएस संस्थानों की अपील पर सकारात्मक फैसला लेते हुए अब यूजीसी ने न केवल इन संस्थानों से पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्रों के समकक्ष माना है, बल्कि उन्हें पीएचडी में दाखिले के लिए भी समान अवसर दिए जाएंगे। यह छात्र यूजीसी नेट की परीक्षा देकर शिक्षण के क्षेत्र में भी जा सकते हैं।