कोलकाता: अभी बसों का किराया नहीं बढ़ रहा है। परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने एक बार फिर से ये बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पर नया आर्थिक बोझ नहीं थोपा जा सकता। स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन बंद्योपाध्याय ने कहा कि अगर किराए में वृद्धि नहीं की गई तो समग्र बस सेवाएं बहाल करना बहुत मुश्किल होगा।
सिंडिकेट की जिला समिति के सदस्यों के मुताबिक रोड टैक्स में कुछ महीने की छूट काफी नहीं है, बल्कि किराए में बढ़ोतरी की भी जरूरत है। बस मालिकों ने मांग की कि राज्य सरकार किराया बढ़ाने पर पुनर्विचार करे। साथ ही उन्होंने कुछ प्रस्तावों पर भी बात की। जहां यह पहली बार सामने आया, वैकल्पिक रूप से सभी जिलों के बस मालिकों को 2 लाख रुपये का ऋण देना होगा। साथ ही सरकार को जल्द ही किराया वृद्धि पर निर्णय की घोषणा करनी चाहिए।
हालांकि, राज्य सरकार किराया बढ़ाने से हिचक रही है। शनिवार को चेतला में एक कार्यक्रम में शामिल होते हुए फिरहाद हाकिम ने कहा स्थित ठीक् नहीं है। लोगों के हाथ में पैसा नहीं है। ऐसे में किसी भी तरह से किराया बढ़ाना संभव नहीं है। बस मालिकों को आम लोगों के बारे में सोचने की जरूरत है।
हम जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बस मालिक मुश्किल में हैं। हम उनकी समस्याओं को समझते हैं। लेकिन वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पर कोई अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं डाला जा सकता है।