वित्त वर्ष 2024-25 में दो बार बजट पेश होगा-अंतरिम बजट व पूर्ण बजट
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले अंतरिम बजट फिर जीतकर आने वाली पार्टी की सरकार दोबारा पूर्ण बजट पेश करेगी ऐसी प्रक्रिया है – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियां के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले हर क्षेत्र के हितकारी लोगों की नजरे लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व 1 फरवरी 2024 को पेश होने वाले अंतरिम बजट 2024-25 पर लगी हुई है, क्योंकि आम जनता इस आस में है कि इस अंतिरिम बजट 2024 में चूंकि लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए लोक लुभावना घोषणाएं की जाएगी और आम जनता के साथ साथ वोटरों को भी आकर्षित किया जाएगा। परंतु पिछले कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि लगातार विकास कार्यों, स्कीमों की घोषणाएं होती ही रहती है। इसीलिए माननीय केंद्रीय वित्तमंत्री ने एक कार्यक्रम में इशारा दे दिया है कि 2024 के 1 फरवरी वाले अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं करने जा रही है, बल्कि इसके लिए जुलाई 2024 में पेश होने वाले पूर्ण बजट का इंतजार करना होगा। मेरा मानना है कि इससे जनता को कुछ मायूसी जरूर हुई होगी परंतु सब्र का फल मीठा होता है। मुझे विश्वास है जुलाई 2024 में बड़ी असरदार घोषणाओं की संभावना की उपलब्धि से इनकार नहीं किया जा सकता। चूंकि बजट 2024-25, 1 फरवरी 2024 के अंतिरिम बजट की तैयारी शुरू हो गई है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे वित्त वर्ष 2024-25 में दो बार बजट पेश होगा अंतरिम बजट व पूर्ण बजट।
साथियों बात अगर हम अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 की तैयारियों की करें तो, वित्त मंत्रालय के इकोनामिक अफेयर्स डिपार्टमेंट के बजट डिवीजन को अंतरिम बजट तैयार करना है, अगर एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी द्वारा प्री बजट मीटिंग की बात करें तो यह अक्टूबर 2023 के दूसरे हफ्ते में शुरू हो चुका था जो नवंबर के मध्य तक जारी रहा था। इस सर्कुलर के हिसाब से दिसंबर में बजट प्रस्ताव तैयार करने की शुरुआत कर दी गई है। सन 2024-25 के बजट अनुमान के हिसाब से प्री बजट मीटिंग करने के बाद अंतरिम बजट 2024 की तैयारी की जा रही है। प्री बजट मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा की गई की कि अलग-अलग मंत्रालय या विभाग को किस तरह का खर्च करना है। वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग विभाग और मंत्रालय से अनुमानित खर्च के विवरण मांगे हैं। अगले वित्त वर्ष 2024-2025 में 2 बार बजट पेश किया जाना है। लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश होगा और लोकसभा चुनाव जीतकर आने वाली पार्टी दोबारा पूरे वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पेश करेगी। केंद्र में नई सरकार बनने के बाद बजट पर दोबारा काम किया जाना है। साल 2024-25 के बजट सर्कुलर के मुताबिक वित्तीय एडवाइजर को यह सुनिश्चित करना है कि जल्द से जल्द सभी विभाग के जरूरी डिटेल मंत्रालय के पास पहुंच जाएं। बजट 2024-25 गुरुवार 1 फरवरी 2024 को पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट के लिए वित्त मंत्रालय ने औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालय और विभाग से वित्त मंत्रालय ने अनुमानित खर्च के बारे में सुझाव मांगना शुरू कर दिया है। इसके हिसाब से वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट का खाका तैयार किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं, उससे पहले साल 2024-25 के लिए वित्त मंत्री अंतरिम बजट पेश करेंगी, जिसे तैयार करने का काम शुरू हो गया है।
साथियों बात अगर हम अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 की संभावनाओं की करें तो, सरकार के अंतरिम बजट से लोक लुभावन घोषणाओं का इंतजार कर रहे लोगों को वित्त मंत्री के एक बयान से मायूसी हाथ लगी है। वित्त मंत्री ने कहा आने वाले अंतरिम बजट में सरकार कोई बड़ी घोषणा नहीं करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जुलाई 2024 में पेश होने वाले पूर्ण बजट का इंतजार करना होगा। अंतरिम बजट में बड़ी घोषणाएं नहीं होगी। सीआईआई ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम 2023 को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, मैं आपकी उम्मीदें नहीं तोड़ना नहीं चाहती लेकिन एक फरवरी 2024 को पेश हो वाला बजट केवल वोट ऑन अकाउंट है। नई सरकार के गठन होने तक सरकार के खर्च को पूरा करने के लिए अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है। इसमें कोई बड़ी घोषणाएं नहीं होने जा रही है। आपको इसके लिए आम बजट के बाद का इंतजार करना होगा। बता दें कि 2019 के अंतरिम बजट हुई थी बड़ी घोषणाएं। वित्त मंत्री एक फरवरी 2024 को पेश होने वाले अंतरिम बजट में किसी बड़ी घोषणा किए जाने से इंकार कर रही हैं।
लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने जो अंतरिम बजट पेश किया था उसमें लोक लुभावन घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लॉन्च करने की घोषणा बजट पेश कर रहे तब वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने की थी। जिसमें किसानों को तीन किस्त में सालाना 6,000 रुपये देने का ऐलान किया गया था। इसके अलावा टैक्सपेयर्स को भी बड़ी राहत दी गई थी। टैक्स छूट के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था। वित्त मंत्री चाहे एक कार्यक्रम में कुछ भी कहे लेकिन लोगों को ऐसी उम्मीद की आस बंधी हुई है कि, 2024 में लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। सरकार लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, ऐसे में वोटरों को लुभाने के लिए ये माना जा रहा है कि अंतरिम बजट में लोकलुभावन घोषणाएं की जा सकती है। इसीलिए ही पूरे भारत की नजरे अब अंतरिम बजट पर लगी हुई है जो 1 फरवरी 2024 को आगामी बजट सत्र में पेश होगा जिसकी तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है।
साथियों बात अगर हम संविधान के आर्टिकल 116 में शामिल वोट आन अकाउंट यानी लेखानुदान को समझने की करें तो, हर साल 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाता है। इसे देश के वित्त मंत्री पेश करते हैं। इस बजट में आगामी साल के लिए सरकार के पूरे साल की कमाई और खर्च का लेखा-जोखा पेश किया जाता है। लेकिन साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। आमतौर पर चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश किया जाता है और चुनाव के बाद जब नई सरकार बनती है, वो पूर्ण बजट पेश करती है। लेकिन इस बार अंतरिम बजट की बजाय वोट ऑन अकाउंट बजट की चर्चा हो रही है। क्योंकि वित्त मंत्री ने यह साफ कर दिया है कि इस बार का बजट वोट-ऑन-अकाउंट बजट होगा, जिसमें बहुत बड़े ऐलान नहीं होंगे। पूर्ण बजट नई सरकार बनने के बाद पेश किया जाएगा।अंतरिम बजट और वोट ऑन अकाउंट दोनों ही कुछ ही महीनों के लिए होते हैं लेकिन दोनों के पेश करने के तरीकों में तकनीकी अंतर होता है।
वोट-ऑन-अकाउंट को हिंदी में लेखानुदान कहा जाता है। इसका प्रावधान संविधान के आर्टिकल 116 में शामिल है। जब केंद्र सरकार पूरे साल की बजाय कुछ ही महीनों के लिए संसद से जरूरी खर्च के लिए मंजूरी लेनी होती है, तो वह वोट ऑन अकाउंट पेश करती है। इसमें सरकार को अपने जरूरी खर्चों के लिए कंसॉलिडिटेड फंड के इस्तेमाल की इजाजत मिलती है। अंतरिम बजट में केंद्र सरकार खर्च के अलावा आमदनी को लेकर भी ब्यौरा पेश करती है। इसमें खर्च, रेवेन्यू, राजकोषीय घाटा, फाइनेंशियल परफार्मेंस और आने वाले महीनों के लिए अनुमान शामिल होते हैं। लेकिन अंतरिम बजट में कोई बड़ी नीतिगत घोषणा पेश नहीं की जाती है, ताकि सरकार पर वादों का बोझ नहीं पड़े। आम परंपरा के मुताबिक, जिस साल लोकसभा चुनाव होने होते हैं, उस साल केंद्र सरकार पूरे वित्त वर्ष की बजाए कुछ महीनों तक के लिए अंतरिम बजट पेश करती है। लेकिन अंतरिम बजट पेश करना ही है, ऐसी कोई बाध्यता नहीं होती। इस बार भी ऐसा ही होने जा रहा है। इसलिए सरकार अंतरिम बजट की बजाय वोट ऑन अकाउंट बजट पेश करने जा रही है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि बजट 2024-25 – 1 फरवरी 2024 के अंतरिम बजट की तैयारी शुरू। वित्त वर्ष 2024-25 में दो बार बजट पेश होगा, अंतरिम बजट व पूर्ण बजट। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले अंतरिम बजट फिर जीतकर आने वाली पार्टी की सरकार दोबारा पूर्ण बजट पेश करेगी ऐसी प्रक्रिया है।
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