जलपाईगुड़ी। अक्सर ट्रेन, बस या सड़क जाम में किन्नरों को आम लोगों से पैसे वसूलते देखा जाता है। लेकिन जलपाईगुड़ी में कुछ और ही तस्वीर देखने को मिली। किन्नर समुदाय के लोग गरीब छात्रों को किताबें सौंप रहे हैं। जहां बिपासा नामक किन्नर ने पुस्तक देते हुए कहा कि हम ऐसे नहीं पढ़ पाए, लेकिन आज हम मेधावी गरीब छात्र छात्राओं को पढ़ने में मदद कर सकते हैं। वहीं कोरोना से नौकरी गंवाने के बाद बेटी के लिए किताबें खरीदने से लाचार पिता अपनी बेटी की किताबों को लेते हुए भाबुक हो गया।
जलपाईगुड़ी बृहन्नल्ला वेलफेयर सोसायटी की ओर से देशबंधु नगर बालिका विद्यालय की गरीब मेधावी बालिकाओं को पुस्तकें दी गयीं। लेकिन खुशी की इस घड़ी में एक अलग तस्वीर भी देखने को मिली, जहां एक पिता जो कभी राजस्थान में अपनी बेटियों को इंगलिश मीडियम स्कूलों में पढ़ा रहा था, कोरोना से काम काज खोकर आज एक टोटो चालक है। स्वाभाविक रूप से अपनी दो मेधाबी बेटियों की पढ़ाई के लिए खर्च नहीं उठा पा रहा है।
वह बृहन्नला वेलफेयर सोसाइटी से सहायता प्राप्त करने के बाद अपने आँसू नहीं रोक सका। दूसरी ओर किताब पाकर खुश हुए छात्रों ने खुलकर स्वीकार किया कि यह बहुत मददगार था। इस बीच बृहन्नला वेलफेयर सोसाइटी के सचिव, जिनकी पहल से यह महान कार्य हो रहा है, ने कहा, हम पढ़ नहीं पाए क्योंकि उस समय समाज अलग था, आज आम लोग हमें आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए हम अपने सामाजिक दायित्व से विमुख हुए बिना केवल अपने कर्तव्यों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।