#Bollywood: सीतामढ़ी से निकलकर मुंबई फिल्म जगत में अभिनय का लोहा मनवा रहे नरेंद्र कुमार

सीतामढ़ी : आज आपको मिलवाने जा रहे हैं, एक ऐसे जुनूनी अभिनेता और अभिनय को पागलपन की हद तक प्यार करने वाले बॉलीवुड के उभरते हुए नायक नरेंद्र कुमार से, जो इन दिनों दीपावली और छठ के शुभ अवसर पर मुंबई से बिहार अपने गांव सीतामढ़ी जिले के डुमरा प्रखंड के आजमगढ़ पंचायत के धोबौली गांव आए हुए हैं। कोलकाता हिंदी न्यूज के संवाददाता से इन्होंने अपने अब तक के फिल्मी सफर के बारे में बताया कि मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई की तैयारी करने के लिए कोटा गया था परंतु वहां जाकर मुझे लगा कि मुझे इंजीनियर नहीं बल्कि अभिनेता बनना है।

वापस मैं बिहार आकर मुजफ्फरपुर के नृत्यम डांस क्लासेस में डांस सीखना शुरू किया और वही से “प्यार में दर्द होला” नामक भोजपुरी फिल्म मुझे मिला और सिर्फ 19 साल की उम्र में नायक के तौर पर मैंने काम किया। फिर मैं 2013 में मुंबई चला गया हिंदी फिल्मों में किस्मत आजमाने और अभी तक के अपने सात साल के फिल्मी कैरियर में मैंने कई छोटे-बड़े टीवी सीरियल में काम किया इनमें उल्लेखनीय है आशुतोष गोवारिकर, बालाजी टेलिफिल्म, स्वास्तिक प्रोडक्शन, ज़ी टीवी के सीरियल्स, गुमराह और सीआईडी तथा अन्य सीरियल्स में काफी सारे बड़े और नामचीन कलाकारों के साथ काम किया।

इस बीच मुंबई में एक्टिंग क्लास ज्वाइन किया और अभिनय की बारीकियों का गंभीरता से अध्ययन किया, क्योंकि मेरे पिताजी का कहना था कि “इच्छा करने से पहले योग्य बनो।” अभिनय के प्रति मैं जुनूनी हद तक पागल हूं अतः मैं किसी भी तरह की भूमिका को निभा सकता हूं परंतु फिलहाल मैं केंद्रीय चरित्र ही करना चाहता हूं। मैं टीवी सीरियल, वेबसीरीज के साथ-साथ अब बड़े पर्दे पर अनिल एच. कुमार की एक हिंदी फिल्म में नायक के तौर पर काम कर रहा हूं। इसके गाने जुबिन नौटियाल, नेहा कक्कड़ और अरिजित सिंह गाने वाले हैं। विश्वास है कि यह फिल्म मेरे कैरियर का टर्निंग प्वाइंट होगा।

चूकि मैं सीतामढ़ी में सीता माता की गोद में ही पला-बढ़ा हूं अतः मुंबई से गांव आकर सबसे पहले माता जानकी जी से जाकर मिला हूं।
मुंबई मायानगरी के ड्रग केस में संलिप्तता पर उन्होंने कहा कि कौन ले रहा है या नहीं, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है और ना ही मुझे इससे कोई मतलब है, कारण मुझे ड्रग का नहीं अभिनय का नशा है और मैं प्रकृति से प्यार करता हूं अतः जब भी मुझे मौका मिलता है मैं अपने गांव खिंचा चला आता हूं, अपनी माटी में।

भोजपुरी फिल्मों में अश्लीलता के सवाल पर इन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी भोजपुरी फिल्में अश्लील होती है। वैसे भी मैं आगे से कोई भी नई फिल्में बिना स्क्रिप्ट पढ़ें नहीं करना चाहता हूं। अंत में मैं अपने सभी दर्शकों और चाहने वालों को दीपावली और छठ पूजा की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं और मुझे पूरी उम्मीद है कि आप मेरी आने वाली फिल्मों को अपना प्यार देते रहेंगे।

 

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