कोलकाता/नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को भाजपा की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य चुनाव आयोग और अन्य पदाधिकारियों को व्यापक कार्य योजना तैयार करने और कोलकाता में स्वतंत्र और निष्पक्ष नगरपालिका चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त केंद्रीय पुलिस बल तैनात करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने राज्य भाजपा को याचिका वापस लेने और अपनी शिकायतों और राहत की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा।
भाजपा चाहती है कि राज्य की राजधानी में 19 दिसंबर को होने वाले नगर निकाय चुनावों के सुचारू और निष्पक्ष संचालन के लिए अधिक केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए। पश्चिम बंगाल भाजपा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि निकाय चुनावों की अधिसूचना और भाजपा द्वारा इसके लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद पार्टी के उम्मीदवारों को धमकाया गया और दबाव बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन अब तक राज्य पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
पीठ ने पूछा, “क्यों 32 (संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत, एक याचिका सीधे सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाती है)।” न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की जानी चाहिए, जो सुरक्षा और अन्य स्थानीय पहलू के बारे में अधिक जानकार है। पीठ ने कहा, “समस्या यह है कि अगर हम इसे 32 पर लेना शुरू कर देते हैं, तो इसका कोई अंत नहीं होगा।” जिस पर पश्चिम बंगाल भाजपा ने उच्च न्यायालय जाने के लिए अपनी याचिका वापस ले ली।