कोलकाता : बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन दिनों कैंपेन वॉर छिड़ गया है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी समर्थकों के बीच जमीन ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी हर रोज जबर्दस्त जंग चल रही। इसी सिलसिले में जब तृणमूल कांग्रेस ने ‘बंगाल को चाहिए अपनी बेटी’ हैशटैग से कैंपेन चलाया तो भारतीय जनता पार्टी समर्थकों ने काउंटर अटैक किया। भाजपा की ओर से ‘दीदी से बंगाल की जनता चाहती है मुक्ति’ हैशटैग से चलाए अभियान को चार गुना ज्यादा समर्थकों का साथ मिला। टीएमसी के कैंपेन का खाका चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर तय करते हैं तो, भाजपा की तरफ से कमान आईटी सेल हेड और राज्य के सह चुनाव प्रभारी अमित मालवीय संभाले हुए हैं।
दरअसल, सत्ताधारी तृणमूल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने 20 फरवरी को कुछ वीडियो को माध्यम से यह खास कैंपेन लांच किया था। इसके लिए ट्विटर पर बंगाली भाषा में हैशटैग चलाया गया, जिसका हिंदी अनुवाद था-बंगाल को चाहिए अपनी बेटी। भाजपा ने पीशी जाओ(बुआ जाओ) गाने के टाइटल वाला वीडियो जारी कर पलटवार किया। टीएमसी के हैशटैग के जवाब में भाजपा ने भी बंगाली भाषा में एक खास हैशटैग इस्तेमाल किया। जिसका अर्थ रहा-दीदी से मुक्ति चाहती है बंगाल की जनता। भाजपा ने वीडियो के जरिए बताया कि बंगाल में किस तरह से गरीबी है, सड़कों की हालत खराब है, नौकरियां नहीं हैं, युवा बेरोजगार हैं, लूट मची है, अवैध वसूली से जनता परेशान है, लोगों की हत्याएं हो रही हैं। भाजपा के इस हैशटैग पर कुल 237,967 ट्वीट आए। यह आंकड़ा टीएमसी के कैंपेन पर आए ट्वीट का चार गुना बताया जाता है।
भाजपा के पश्चिम बंगाल में सह चुनाव प्रभारी अमित मालवीय ने एक सवाल के जवाब में आईएएनएस से कहा, “बंगाल की जनता ममता बनर्जी सरकार को लेकर गुस्से में है। वह सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इजहार कर रही है। गरीबी, बेकारी, हिंसा, लचर स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे मुद्दों को बंगाल की जनता सोशल मीडिया के माध्यम से उठा रही है। इसीलिए भाजपा के सोशल मीडिया कैंपेन पर स्वत: स्फूर्त रूप से जनता का समर्थन मिल रहा है।”