कोलकाता। टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। टीएमसी के सांसद ने कहा है कि पश्चिम बंगाल पर कब्जा करने के लिए भाजपा ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बंगाल पर कब्जा करने के लिए दोतरफा नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा बंगाल को विभाजित करके और फिर आर्थिक अवरोध लगाकर राज करना चाहती है। सांसद ने कहा कि बंगाल के लोग केंद्र के इस बुरे मंसूबों को ठीक उसी तरह विफल कर देंगे।
जैसे 1905-10 से अंग्रेजों के खिलाफ किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप औपनिवेशिक शासकों को बंगाल के विभाजन के अपने फैसले को वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्णिया, सहरसा, किशनगंज उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्णिया, सहरसा, किशनगंज और कटिहार के साथ पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के साथ मिलाकर एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाकर बंगाल की क्षेत्रीय अखंडता को विभाजित करने और मनरेगा, पीएमएवाई-ग्रामीण, और पीएसवाई जैसी विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र के हिस्से के आवंटन से इनकार करके बंगाल के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी की है।
टीएमसी सांसद ने दावा किया कि गृह मंत्रालय को अब तक प्राप्त अभ्यावेदनों के अनुसार, मणिपुर में कुकीलैंड, तमिलनाडु में कोंगु नाडु, कर्नाटक में तुलु नाडु, अवध प्रदेश- पूर्वांचल, बुंदेलखंड, और जैसे 20 से अधिक नए राज्यों के निर्माण की मांग है। उत्तर प्रदेश में पश्चिमांचल या हरित प्रदेश, ब्रज प्रदेश में यूपी के आगरा-अलीगढ़ डिवीजन और राजस्थान और मध्य प्रदेश का भरतपुर और ग्वालियर शामिल हैं।
टीएमसी सांसद ने कहा कि गुजरात में सौराष्ट्र, असम में बोडोलैंड और कार्बी आंगलोंग, बिहार-झारखंड क्षेत्रों में मिथिलांचल, पूर्वी यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ के भोजपुर, असम-नागालैंड क्षेत्र में दीमालैंड, कूर्ग राज्य जैसे नए राज्यों के निर्माण के लिए इसी तरह की लंबे समय से मांग की गई थी।