कोलकाता। पूर्व तृणमूल कांग्रेस और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता विनय तमांग ने आखिरकार कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनय तमांग ने कहा, भाजपा ने 15 वर्षों तक पहाड़ और डूअर्स का केवल दोहन किया। पहाड़ को केवल झूठे आश्वासन देकर तीन बार अपने सांसद बनाए। लेकिन भाजपा ने एक भी काम नहीं किया। यहां की समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं की। इन्हीं बातों को लेकर मैंने कांग्रेस में शामिल होने का मन बनाया।
विनय तमांग ने कहा, ‘इसका उल्टा कांग्रेस हमेशा गोरखा समुदाय के प्रति ईमानदार रही है। चाहे वह 1988 में डीजीएचसी (जीटीए का पूर्ववर्ती) हो या 2012 में जीटीए हो। इतना ही नहीं नेपाली भाषा की मान्यता जो गोरखाओं के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है, वह भी 1992 में कांग्रेस सरकार के तहत आई। भाजपा ने फर्जी वादों के अलावा गोरखाओं को कुछ नहीं दिया है।’
गोरखालैंड की मांग जो बरसों पुरानी है, उसके राजनीतिक और स्थायी समाधान का वक्त आ गया है। 22 दिसंबर, 2022 को तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के बाद उनकी करीब एक साल तक विभिन्न दलों के साथ बातचीत हुई। लेकिन पहाड़ और डुअर्स की समस्याओं को लेकर कोई भी दल बहुत संजीदा नहीं दिखा।’ इसके बाद उनकी कांग्रेस नेताओं से बातचीत हुई। कांग्रेस ने उनकी बातों को संजीदा से सुना और कई आश्वासन दिए।
इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में जाने का मन बनाया। कांग्रेस में जाने से पहले मैंने पहाड, तराई और डूअर्स की सारी समस्या लिखित रुप में दिया और मुझे इसके समाधान के लिए आश्वासन भी मिला है। सितंबर में जब मुझे इस संबंध में जानकारी मिली तो मैं कह सकता हूं कि पहाड़ और डूअर्स की सभी समस्याओं के समाधान के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘अभी कुछ लोग और आएंगे लेकिन वे लोकसभा के शीतकालीन सत्र का इंतजार कर रहे हैं। उनको अभी भरोसा है कि भाजपा पहाड़ के लिए कुछ करेगी, लेकिन भाजपा केवल आश्वासन देना जानती है, समाधान उनके पास नहीं है।’