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दिलीप घोष ने कहा- जिनकी सोच में ही एकता और सद्भावना नहीं है, वे क्या सर्व धर्म की बात करेंगी
कोलकाता। राम मंदिर के उद्घाटन की जोर-शोर से चल रही तैयारियों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 जनवरी को ‘सद्भावना रैली’ करेगी। ये सभी धर्म को मानने वालों लोगों के लिए होगी। इसी दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह है। साथ ही टीएमसी पूरे पश्चिम बंगाल में ब्लॉक स्तर पर सर्व धर्म रैली आयोजित करेगी। इस रैली की थीम ‘सभी धर्म बराबर है’ होगी।
इसको लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए ममता की ‘सद्भावना रैली’ पर जमकर हमला बोला। उन्होंने ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा राम की इच्छा से हो रहे है। जिन लोगों ने हमेशा राष्ट्रीय एकता के खिलाफ काम किया है, वे एकजुटता और सद्भावना मार्च कर रहे हैं। इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है? देश के विकास और एकता के लिए जो कुछ भी काम होता है, ममता बनर्जी विरोध करती है।
लगता है कि यही उनकी राजनीति है। उनको सब कुछ अलग चाहिए चाहे वह राष्ट्रगान हो या और कुछ। उनको अलग राष्ट्रीय ध्वज चाहिए, अलग अदालत चाहिए, अलग संसद चाहिए। जिसकी सोच में एकता और सद्भाव नहीं है, वह कितना भी एकता और सद्भावना की बात करे, कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 60 रेलवे परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि ममता बनर्जी जमीन नहीं दे रही हैं। ममता बनर्जी ने कभी विकास के बारे में नहीं सोचा सिर्फ राजनीति के बारे में सोचा है।
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