भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों भाजपा के लिए कांग्रेस से ज्यादा अपने ही लोग मुसीबत बनते जा रहे हैं। इसमें नया नाम जुड़ा है पूर्व मंत्री दीपक जोशी का। इससे पहले विधायक अजय विश्नोई और नारायण दत्त त्रिपाठी अपने बयानों के जरिए सत्ता और संगठन दोनों के सामने मुसीबत खड़ी करते रहे हैं। राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।
एक तरफ जहां संगठन जमीनी तैयारी में जुटा है तो वहीं राज्य सरकार आम मतदाता का दिल जीतने की जुगत में लगी हुई है। सत्ता और संगठन जहां कार्यकर्ता से लेकर आम जनता के बीच अपनी पकड़ को मजबूत बनाने में लगी है तो वहीं कई नेता पार्टी के सामने मुसीबत बनते जा रहे हैं। विधायक अजय विश्नोई और नारायण त्रिपाठी कई बार सवाल उठा चुके हैं साथ ही खुले तौर पर चुनौती देने से भी नहीं चूक रहे।
इसी बीच दीपक जोशी ने देवास जिले के बादली में आवास निर्माण में हुई गड़बड़ियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिख दिया है। भाजपा के यह नेता जहां पार्टी को संकट में डालने का काम कर रहे हैं वहीं कांग्रेस को बैठे बैठाए सरकार व संगठन को घेरने के मुददे भी दे रहे है। पार्टी की इन नेताओं की हर गतिविधि पर नजर है, मगर फैसला लेने से हिचक रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी के भीतर से ही उठती आवाज भाजपा के लिए कांग्रेस से भी ज्यादा बड़ी चुनौती बनती जा रही है। यह स्थिति भाजपा की उन कोशिशों को कमजोर करने वाली है जिसके सहारे वह अगला चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने समय रहते इन पर रोक नहीं लगाई तो चुनाव आते तक ऐसे लोगों की संख्या बढ़ जाए तो अचरज नहीं होगा।