Kolkata: बिहार के प्रशांत किशोर अब बंगाल के भवानीपुर से वोटर बने हैं तो भाजपा ने चुनाव आयोग से जांच की मांग की है।
बंगाल भाजपा ने वोटर लिस्ट की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस मामले में बंगाल भाजपा ने सवाल उठाए हैं और चुनाव आयोग से भी जांच की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने अप्रैल 2021 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले अपना नाम दर्ज करवाया था। वे कोलकाता के भवानीपुर से वोटर बने हैं। भवानीपुर वही विधानसभा सीट है जहां 30 सितंबर को उप-चुनाव होने है और तृणमूल प्रमुख तथा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस सीट से उप-चुनाव लड़ रही हैं।
बंगाल भाजपा ने वोटर लिस्ट की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस मामले में बंगाल भाजपा ने सवाल उठाए हैं और चुनाव आयोग से भी जांच की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने अप्रैल 2021 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले अपना नाम दर्ज करवाया था।
ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव बेहद अहम है क्योंकि इस सीट से जीतने के बाद ही वो राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर बनी रह सकती हैं। हालांकि प्रशांत किशोर के भवानीपुर से मतदाता बनने के बाद से ही राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि तृणमूल उन्हें बंगाल से राज्यसभा भेज सकती है। फिलहाल इस पर पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
दरअसल तृणमूल के नेता सौगत रॉय ने कहा कि अगर कोई राज्यसभा चुनाव में हिस्सा लेना चाहता है तो जरुरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो। मीडिया से बातचीत में सौगत रॉय ने कहा, ‘मैं देखता हूं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वो एक भारतीय नागरिक हैं और किसी भी राज्य के वोटर बन सकते हैं। दूसरी बात यह है कि अगर कोई राज्यसभा का चुनाव लड़ना चाहता है तो जरुरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो। मैं उनकी योजना के बारे में नहीं जानता।’
हालांकि प्रशांत किशोर को राज्यसभा भेजने पर सौगत राय ने साफ किया इस बारे में पार्टी फैसला लेगी। इसी महीने तृणमूल नेता अर्पिता घोष ने पार्टी के निर्देश पर राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से यह सीट खाली है।
उधर, पश्चिम बंगाल में जीत हासिल करने के बाद तृणमूल ने इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) के साथ चल रहा अपना कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू कर लिया था। इस कंपनी को प्रशांत किशोर ने लॉन्च किया था। नया कॉन्ट्रैक्टर 2024 के लोकसभा चुनाव तक के लिए साइन किया गया है।
प्रशांत किशोर के भवानीपुर से वोटर बनने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि ‘महिला और पुरुष अपने करियर के लिए एक शहर में सेटेल होते हैं। लेकिन यह पहला मौका है जब मैंने एक कॉन्ट्रैक्चुअल लेबर के लिए यह बात सुनी है। भारतीय निर्वाचन आयोग को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या उनका नाम बिहार के शहर से हट गया है।’
प्रशांत किशोर ने शुरुआत में 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के साथ काम किया था और उसके बाद जेडीयू में शामिल हो गए थे और पार्टी के उपाध्यक्ष थे। प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के साथ काम किया था। उन्होंने पंजाब में पार्टी की सहायता भी की और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सलाहकार थे।