पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बाढ़ प्रभावित पांच जिलों के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। सर्वेक्षण से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर, नरकटियागंज, गौनाहा, चनपटिया, मझौलिया तथा पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली, रामगढ़वा, छौड़ादानो, बंजरिया, चिरैया, ढाका, पताही तथा मधुबन इलाके के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर जिले के बाढ़ प्रभावित गायघाट, कटरा, औराई तथा सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर, बेलसंड, बैरगनिया के अलावे शिवहर जिले के तीन प्रखंडों का भी हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार भी मौजूद थे।हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार शुरू से ही अधिक वर्षापात के कारण कई जगह बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है।
उन्होंने कहा, “आंखों के इलाज कराने कुछ दिनों पूर्व हम दिल्ली गए थे। आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लेने के लिए हमने पांच जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया है। कल (बुधवार) को तीन बाढ़ग्रस्त जिलों का और जायजा लेंगे।” सर्वेक्षण के दौरान नदियों की वर्तमान स्थिति का भी जायजा लिया है। हमारी प्राथमिकता में यह काम सबसे ऊपर है।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिले के जिलाधिकारी भी जुड़े हुए थे। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जून में पहले कभी इतनी वर्षा नहीं हुई थी। इस बार अधिक वर्षा के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा, “जिलाधिकारियों को हवाई सर्वेक्षण के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी लें और उसके आधार पर आकलन करें। हवाई सर्वेक्षण के दौरान कृषि विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के भी अधिकारी मौजूद रहें।”
मुख्यमंत्री ने लोगों को सहायता के उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए अधिकारियों को संवदेनशीलता से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि कार्य में काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने इसका ठीक से आकलन करने के निर्देश दिए, जिससे उन्हें सहायता पहुंचाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने राहत केंपों में कोरोना जांच और टीकाकरण कराने के भी निर्देश दिए। बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान जिलावार प्रखंडों, नदियों की स्थिति की जानकारी दी तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आपदा राहत कार्यों के संबंध में जानकारी दी।