पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि सीएए पर फैसला केंद्र को लेना है। तीन देशों के अल्पसंख्यक जो लोग यहां पर रह रहे हैं उनके लिए कानून बनाने की बात हो रही है। यह तो केंद्र सरकार को ही देखना है। राज्य सरकार की ओर से बहुत पहले केंद्र सरकार को लिखकर भेज दिया गया है। पटना में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएए से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कोरोना है, कोरोना का दौर खत्म होगा, उसके बाद इस पर कोई बात होगी।
साइबर क्राइम से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़बड़ी करनेवालों के खिलाफ यहां पर काफी सक्रियता है। कोई गड़बड़ करना चाहेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। सब चीज के लिए पहले से गाइडलाइन है। बिहार में बहुत हद तक चीजें नियंत्रित हैं, शांति का माहौल है। अगर कहीं क्राइम होता है तो तेजी से उसके खिलाफ एक्शन होता है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर यहां के सभी दलों के लोग प्रधानमंत्री से जाकर मिले थे। केंद्र सरकार इसे नहीं करेगी लेकिन कहा है कि राज्य सरकार अपने यहां कर सकती है। यहां सभी दल के लोग आपस में बातचीत कर लेंगे। इस पर मीटिंग करेंगे तो और लोगों का आइडिया भी पता चलेगा।
बिहार में फिल्म पॉलिसी को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म निर्माण के लिए राजगीर में जगह निर्धारित की गयी है। हमने फिल्म बनाने वालों को सलाह दी है कि राजगीर में जाकर देख लीजिए, यहीं पर फिल्म बनाइये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कई जगहों पर फिल्मों की शूटिंग हो सकती है। हमलोग शुरू से चाहते थे कि बिहार में फिल्मों की शूटिंग हो। इसको लेकर हमलोग सब सुविधा देने को तैयार हैं।
विशेष राज्य के दर्जे की मांग के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर हमलोगों ने कई बार आंदोलन किया है। हमलोगों ने पटना एवं दिल्ली में भी आंदोलन किया है। नीति आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद भी हमलोगों ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, इस पर ध्यान दीजिए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में केंद्र सरकार भी सहयोग कर रही है और राज्य सरकार भी अपनी तरफ से विकास कार्य करा रही है। सब लोग मिलकर सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य में लगे हुए हैं।