इलाहाबाद : जया प्रदा नाहटा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए इनके खिलाफ रामपुर के अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष विचाराधीन आपराधिक मामले की कार्यवाही एवं उसमें जारी गैर जमानती वारंट सहित सभी आदेशों को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने अधीनस्थ अदालत को नियमानुसार नये सिरे से आदेश पारित करने के लिए प्रकरण वापस कर दिया है।
पुलिस ने जया प्रदा नाहटा के खिलाफ लाल बत्ती प्रकरण में असंज्ञेय,अपराध को संज्ञेय मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 171 जी के तहत चार्जशीट दाखिल की है। जिस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने वारंट जारी किया था। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश सप्तम ने जया प्रदा नाहटा की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। याची के खिलाफ रामपुर के थाना स्वार व थाना कैमारी में दर्ज मामले में पुलिस ने एनसीआर दर्ज की।
साथ ही धारा 171जी के तहत चार्जशीट दाखिल की है। राज्य सरकार की तरफ से मुकदमा सत्र न्यायालय में पेश हुआ और अदालत ने दोनो मामलो में याची को गैर जमानती वारंट जारी किया है। इन आदेशों सहित मुकदमें के विचारण की वैधता को चुनौती दी गयी।
याची का कहना है कि आरोपित धारा के तहत दो माह की अधिकतम सजा व दो सौ रूपये जुर्माना या दोनो ही सजा का प्रावधान है। यह असंज्ञेय अपराध है। जिसे संज्ञेय अपराध मानकर विचारण करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। न्यायालय ने याची के तर्कों को सही माना और दोनो मुकदमो की कार्यवाही और उसमें पारित सभी आदेश को रद्द कर दिया है।