भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव

।।उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं।।
किशन सनमुखदास भावनानी

फोकट की रेवड़ियां लेता हूं
पूरे परिवार के मेंबर प्रतिवोट से पैसे लेता हूं
चुनाव ऑफिस में मुफ्त का वेज नॉनवेज खाता हूं
उम्मीदवार से पहले में मतदाता दोषी हूं

उम्मीदवार की आचार संहिता उल्लंघन छिपाता हूं
कार्यकर्ताओं को पैसे बांटते देख नजरे हटाता हूं
उम्मीदवार की कैरेक्टर की बात छुपाता हूं
उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं

नॉमिनेशन में भरी गलत जानकारी जानता हूं
उसकी काली कमाई की तरकीबों को पहचानता हूं
आजकल वह 20 पर्सेंट लेता है सुनता हूं
उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं

चोर-चोर मौसेरे भाई अच्छे से जानता हूं
नीचे से ऊपर तक मिली भगत पहचानता हूं
वादा करके मुकरने की ट्रिक जानता हूं
उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं

उनके बहकावे में आ जाता हूं, मतदाता हूं
पांच वर्ष गुमशुदा होगा जानता हूं
फिर भी कर्तव्य समझकर नोटा दबाता हूं
उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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