देवेन्द्र कुमार देवेश, नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा अकादेमी सभागार, कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस के अवसर पर ‘‘भाषांतर अनुभव’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन प्रतिष्ठित बांग्ला कवि एवं पश्चिम बंग बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष सुबोध सरकार ने किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष एवं हिंदी कवि माधव कौशिक ने की। इस कार्यक्रम में समीर ताँती (असमिया), अरविंद उजीर (बोडो), तारानंद वियोगी (मैथिली), कोइजम शांतिबाला देवी (मणिपुरी), अमरेश पटनायक (ओड़िआ), राजा पुनियानी (नेपाली) एवं अर्जुन चरण हेंब्रम (संताली) को कविता-पाठ के लिए आमंत्रित किया गया था।
मूल कविताओं के पाठ के साथ-साथ कवियों द्वारा साथी कवियों के अनुवाद का पाठ भी किया गया। कविता-पाठ सत्रों की अध्यक्षता दिगंत विश्व शर्मा, तरेन चंद्र बोरो और गौरहरि दास ने की। अपने स्वागत वक्तव्य में अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कार्यक्रम की परिकल्पना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काव्य-सर्जना को एक ही समय में मूल के साथ विभिन्न भाषाओं में सुनने का आनंद ही अनूठा है।
अपने आरंभिक वक्तव्य में अकादेमी में पूर्वी क्षेत्रीय मंडल के संयोजक राजेन तोइजांबा ने इस तरह के अनूठे कार्यक्रम को ज्यादा से ज्यादा आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। सुबोध कारकार ने कहा कि विभिन्न भाषाओं में रचे जाने वाले साहित्य के एकात्म को अनुवाद के माध्यम से ही समझा जा सकता है। माधव कौशिक ने कहा कि अनुवाद भिन्न भाषाओं के पाठकों को एक सूत्र में जोड़ता है।
कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया। अंत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन अकादेमी के सहायक संपादक क्षेत्रवासी नायक ने किया। कोलकाता में भारी वर्षा के बावजूद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति रही, जिन्होंने अपनी ही तरह के इस कार्यक्रम का आनंद उठाया और अकादेमी की प्रशंसा की।