तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : भारतीय किसान संघ ने राष्ट्रीय पुस्तकालय और भारतीय किसान संघ द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता में संगोष्ठी का आयोजन किया। पुस्तकालय के श्यामाप्रसाद मुखोपाध्याय हॉल में ‘पश्चिम बंगाल के किसानों की वर्तमान स्थिति’ पर गंभीर विमर्श और मंत्रणा की गई I
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कार्यकारी सदस्य कल्याण कुमार मंडल, पश्चिम बंगाल क्षेत्र के संगठन सचिव अनिल चंद्र रॉय, पूर्व और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के संगठन सचिव श्रीनिवास और बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गौतम साहा, प्रख्यात परोपकारी वसंत शेठिया आदि इस अवसर पर उपस्थित थे I
संगोष्ठी की शुरुआत में अध्यक्ष श्री मंडल ने भारतीय किसान संघ क्या है, इसकी विशेषताएं क्या हैं, भारतीय किसान संघ से कौन जुड़ा है, किसान संघ के कार्य एवं दायित्व क्या हैं आदि विषयों पर व्यापक रुप से चर्चा की I
श्री शेठिया ने कहा, “इस सेमिनार के माध्यम से कृषक समुदाय को कैसे एकजुट किया जाए, इसका प्रयास किया गया है. कृषि के माध्यम से लोगों के कल्याण से देश में सुधार संभव है।”
प्रोफेसर साहा ने कहा, ”किताबें पढ़ने से ज्ञान बढ़ेगा. इसलिए किसानों की किताबें पढ़ना ज़रूरी है। किसान की आय बढ़ेगी तो देश का विकास संभव है। इसलिए प्रधानमंत्री और उनका कृषि विभाग विभिन्न तरीकों से आगे आए हैं। मौसम और जलवायु के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए I शहरों से लेकर सीमांत गांवों तक न्यूनतम शिक्षा की जरूरत है। इसमें लाइब्रेरी की बहुत बड़ी भूमिका है I शिक्षा के माध्यम से देश की संस्कृति का प्रसार होना चाहिए।”
संगोष्ठी में राष्ट्रीय पुस्तकालय के महानिदेशक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे I उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के माध्यम से देश के विकास में किसानों की बड़ी भूमिका है। ऐसे में गांव पर विशेष ध्यान देना होगा
जो नैतिक है उसे व्यावहारिक कैसे बनाया जाए इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए गाँवों और कस्बों में पुस्तकालयों का निर्माण आवश्यक है।
संगोष्ठी में डॉ. कल्याण जाना और भारतीय किसान संघ के उपाध्यक्ष आशीष सरकार भी मौजूद थे I
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