कोलकाता । कालीघाट कांड में एसआईटी का गठन। मुख्यमंत्री के आवास पर ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। नवान्न (सचिवालय) ने दिशा-निर्देश जारी किया है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में कोई कमी तो नहीं थी? मुख्यमंत्री आवास परिसर में कैसे घुसा युवक? उसका उद्देश्य क्या था? इसे जांचने के लिए कोलकाता पुलिस ने डीसी डीडी स्पेशल और डीडी (एसटीएफ) के नेतृत्व में एक एसआईटी या विशेष जांच दल का गठन किया है।
घटना की शुरुआत शनिवार रात को हुई। उत्तर 24 परगना के हसनाबाद निवासी हाफिजुल मुल्ला सुरक्षा गार्डों से बच कर कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री आवास परिसर में घुस गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार वह मुख्यमंत्री आवास के दक्षिण की ओर स्थित कांफ्रेंस हॉल के पीछे छिपा था। इतना ही नहीं उसके पास लोहे की रॉड भी थी, आखिर क्यों? प्रारंभिक जांच के अनुसार, हाफिजुल किसी को मारने के लिए लोहे की रॉड लेकर मुख्यमंत्री आवास परिसर में घुसा था। सोमवार रात को सीआईडी ने उससे काफी देर तक पूछताछ की।
इस बीच इस घटना के बाद मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। मुख्यमंत्री आवास में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। नवान्न ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के मकान को चारो तरफ से ऊंची दीवारों से घेर दिया जाएगा। मकान के पीछे वॉच टावर और सामने बंकर बनाया जा सकता है। यहां तक कि कालीघाट पुल से गोपालनगर जाने वाले सभी वाहनों की भी जांच भी की जाएगी।