#Bengal: बंगाल बीजेपी अध्यक्ष का कटाक्ष, तृणमूल की छत्रछाया में रह रहे अपराधी

Kolkata : कोलकाता में देर रात एक कारोबारी पर फायरिंग और CBI द्वारा ममता कैबिनेट के मंत्री पार्थ चटर्जी को तलब किए जाने को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने तंज कसा है। उन्होने कहा कि राज्य भर में अपराधी तृणमूल की छत्रछाया में रह रहे हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य भर में हिंसा और अपराधिक घटनाएं चरम पर है और हर जगह अपराधियों को सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की छत्रछाया मिली हुई है। उल्लेखनीय है कि आज ही भवानीपुर से उपचुनाव के लिए भाजपा की उम्मीदवार प्रियंका टिबेरवाल नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।

सोमवार को मॉर्निंग वॉक के समय दिलीप घोष ने कहा कि केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल में अपराधिक घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन पुलिस किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकती क्योंकि वे सत्तारूढ़ पार्टी में ऊंचे पदों पर हैं। उल्लेखनीय है कि हाल में कोलकाता में अपराधिक घटनाएं बढ़ी है। मां-बेटे की हत्या के बाद अब कोलकाता में एक कारोबारी पर गोली चलाई गई है।

आईकोर चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने सत्तारूढ़ पार्टी के महासचिव और मंत्री पार्थ चटर्जी को समन भेजा है। इसके संबंध में दिलीप घोष ने कहा कि पार्थ चटर्जी को एक बार जाकर देखना चाहिए कि CBI की चाय कैसी लगती है। गरम भी है या नहीं यह भी आ करके बताना चाहिए। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही दिलीप घोष ने भवानीपुर उपचुनाव को लेकर भी ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा था कि जिस तरह से नंदीग्राम में ममता की परिणति हुई थी ठीक उसी तरह से भवानीपुर में भी उनकी हार होगी।

दिलीप घोष ने भवानीपुर से भाजपा उम्मीदवार के बारे में ममता बनर्जी के मंत्री फिरहाद हकीम की टिप्पणी का पलटवार किया। उन्होंने याद दिलाया कि सत्ता में रहते हुए किसी की उपेक्षा करना ठीक नहीं है। दिलीप घोष ने यह संदेश भी दिया कि इतिहास खुद को दोहरता है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने उसी दिन अपने उम्मीदवार की घोषणा की जिस दिन तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने अपना नामांकन दाखिल किया था।

उम्मीदवार के रूप में वकील प्रियंका टिबरेवाल की घोषणा की गई थी। उस नाम को सुनकर राज्य मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, ‘यह कौन है? आप खाते हैं या सिर पर देते हैं?’ दिलीप घोष ने आज कहा, ‘इतिहास खुद को दोहरता है। भाजपा सांसद ने आगे कहा, ‘एक जमाने में लोग कहते थे कि दिलीप घोष कौन है? अब वे कहते हैं कि दिलीप घोष मेरे दोस्त हैं। इसलिए उनके अनुसार सत्ताधारी दल के नेता किसी की उपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास सत्ता है।

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