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बंगाल : महिला द्वारा राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने का तृणमूल का दावा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर राजभवन में ही काम करने वाली एक महिला ने छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं। वहीं राजभवन की ओर से इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा गया है कि यह राज्यपाल को बदनाम करने की साजिश है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बृहस्पतिवार शाम सोशल मीडिया पर पोस्ट की एक श्रृंखला में दावा किया कि राज्यपाल बोस पर राजभवन में ही काम करने वाली एक महिला ने छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं और महिला को बोस के खिलाफ शिकायत करने के लिए पुलिस थाने ले जाया गया है।

राजभवन ने इन आरोपों का खंडन किया है। राज्यपाल बोस ने कहा कि वह ‘मनगढ़ंत आरोपों’ से नहीं डरेंगे और ‘सच्चाई की जीत होगी।’

एक बयान में उन्होंने कहा ‘सच्चाई की जीत होगी। मैं गढ़ी गई कहानियों से डरने वाला नहीं हूं। अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते।’

राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया है कि ‘दो असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कुछ अपमानजनक कृत्यों के बाद, राजभवन के कर्मचारियों ने उनके (राज्यपाल के) साथ एकजुटता व्यक्त की।’

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें एक शिकायत मिली है और वे इसकी जांच कर रहे हैं। सेंट्रल डिवीजन की उपायुक्त इंदिरा मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमें एक शिकायत मिली है और हम जांच कर रहे हैं। हम इस मामले पर कानून विभाग के संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ भी परामर्श कर रहे हैं। महिला के आरोप के अनुसार, राजभवन के अंदर उसके साथ छेड़छाड़ की गई।’

तृणमूल नेताओं ने कथित घटना के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट अपलोड किए।

पार्टी की सांसद सागरिका घोष ने महिला के आरोपों को लेकर एक बयान में कहा है कि बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया गया है। उनके अनुसार, एक महिला जब राजभवन गई तो राज्यपाल ने उनके साथ छेड़छाड़ की, यौन उत्पीड़न किया और गलत व्यवहार किया।

घोष ने कहा कि शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज कराने के लिए हरे स्ट्रीट थाने ले जाया गया। उन्होंने आगे कहा कि ये गंभीर आरोप तब लग रहे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोलकाता पहुंच रहे हैं और वह राजभवन में ही ठहरेंगे। पार्टी के एक अन्य सांसद साकेत गोखले ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस मुद्दे का जिक्र किया है।

पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने इसे ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि राज्यपाल ने अपने पद को बदनाम किया है और इसका इस्तेमाल ‘एक महिला को प्रताड़ित करने’ के लिए किया है।

उन्होंने कहा ‘ऐसी घटना देखना भयावह और स्तब्धकारी है। यह वही राज्यपाल हैं जो महिलाओं के अधिकारों और नारी शक्ति के बारे में बात करने के लिए संदेशखालि पहुंचे थे। यह शर्मनाक है कि राज्यपाल ने उन्हें स्थायी नौकरी देने के बहाने अनुचित लाभ की मांग की। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दें, जो बंगाल में रैलियों को संबोधित करेंगे।”

पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले के संदेशखालि में महिलाओं ने तृणमूल नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। राज्यपाल पर लगे आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह देखना होगा कि आरोप सही हैं या फिर कोई साजिश है।

उन्होंने कहा ”हम सभी जानते हैं कि तृणमूल कांग्रेस संदेशखालि मुद्दे पर घिरी हुई है। एसएससी घोटाले में 26,000 शिक्षकों की नौकरी चली गई। उसे अपने बचाव के लिए कुछ न कुछ चाहिए। देखना होगा कि यह शिकायत राजनीतिक साजिश है या नहीं। ”

राजभवन के सूत्रों के अनुसार, ”महिला कर्मचारी अपने कथित प्रेमी, जो राजभवन का कर्मचारी भी है, की मदद से (लोगों की) शिकायतों को भारत के निर्वाचन आयोग को भेजे जाने से रोक रही थी। जब महिला को इसके लिए डांटा गया, तो उसने बाहर जाकर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।”

नवंबर 2022 में पदभार संभालने के बाद से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच कटु संबंध रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर उनके बीच कई बार टकराव हुआ है।

राजभवन से जारी एक अलग बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने ‘मानहानि और संविधान विरोधी बयानों’ को लेकर पश्चिम बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के कोलकाता, दार्जिलिंग और बैरकपुर के राजभवन परिसरों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

बयान में कहा गया है, ‘राज्यपाल ने अपने कार्यालय को निर्देश दिया है कि वह मंत्री की उपस्थिति वाले किसी भी समारोह में भाग नहीं लेंगे। मंत्री के खिलाफ भावी कानूनी कदमों पर परामर्श के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल से संपर्क किया गया है।’ इस बीच राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

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