#Bengal : ममता सरकार को झटका, कोर्ट ने पुलिस को दिया घर छोड़कर गये लोगों को बसाने का आदेश

Kolkata Desk : ममता सरकार को एक बार फिर से हाई कोर्ट का झटका लगा है। हाई कोर्ट ने पुलिस को दिया चुनाव बाद हिंसा में घर छोड़कर गए लोगों को लौटाने का आदेश। अभिषेक बनर्जी के लोकसभा क्षेत्र डायमंड हार्बर में चुनाव के एक दिन बाद से ही भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगा था, जिससे कई परिवार बेघर हो गए थे। उसके खिलाफ आठ लोगों ने हाई कोर्ट में मामला दर्ज कराया था।

बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा से पलायन कर गए लोगों को हाई कोर्ट ने पुलिस को डायमंड हार्बर में बेघर परिवारों को पर्याप्त सुरक्षा के साथ तुरंत घर लौटने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट अगले 45 दिनों के भीतर अदालत में पेश करने को कहा गया है।

ज्ञातव्य है कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा लगातार तृणमूल पर हिंसा का आरोप लगा रही है, और ममता बनर्जी हिंसा के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर रही है।

अभिषेक बनर्जी के लोकसभा क्षेत्र डायमंड हार्बर में चुनाव के एक दिन बाद से ही भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान करने का आरोप लगा था, जिससे कई परिवार बेघर हो गए थे। उसके खिलाफ आठ लोगों ने हाई कोर्ट में मामला दर्ज कराया था, लेकिन तृणमूल विधायक गयासुद्दीन मुल्ला ने शिकायतकर्ताओं के खिलाफ जवाबी शिकायत दर्ज कराई थी।

गयासुद्दीन मुल्ला ने आरोप लगाया कि संबंधित व्यक्ति घर में हथियारबंद थे। इसलिए उन्हें घर नहीं भेजा जा रहा है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राजा शेखर मंथा ने बुधवार को डायमंड हार्बर जिला पुलिस को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने और परिवारों को घर वापस भेजने का निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि चुनाव बाद हिंसा मामले की सुनवाई हाई कोर्ट की बृहत्तर बेंच में पहले ही खत्म हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक वादी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई थी। वे उस्ती थाना क्षेत्र में अपने घरों को नहीं लौट पा रहे हैं। उनका व्यवसायिक कार्य भी बंद है। उसी दिन वादी के वकील धीरज त्रिवेदी ने कोर्ट को बताया कि डायमंड हार्बर इलाके में मतदान के अगले दिन से ही प्रताड़ना शुरू हो गई थी।

छह अप्रैल को उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अगले दिन TMC नेता गयासुद्दीन मुल्ला ने उनके खिलाफ जवाबी शिकायत दर्ज कराई। बताया जा रहा है कि इनके पास से हथियार बरामद किए गए हैं। राज्य सरकार ने कहा कि पूरी घटना की जांच की जा रही है।

शिकायत मिलने पर राज्य बेघर लोगों की वापसी की व्यवस्था करेगा। उस मामले के संदर्भ में न्यायाधीश ने आदेश दिया कि उन्हें पुलिस सुरक्षा के साथ घर वापस किया जाए। पुलिस को उन्हें एक माह तक सुरक्षा देनी होगी और 45 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट देनी होगी।

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