कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आंतरिक मूल्यांकन से पता चला है कि पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में शामिल कुल राशि राज्य में अन्य वित्तीय घोटालों से कहीं अधिक हो सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में मनी लॉन्ड्रिंग के विभिन्न मामलों की जांच कर रहे कोलकाता के ईडी अधिकारियों ने नई दिल्ली में एजेंसी के राष्ट्रीय मुख्यालय को एक आंतरिक रिपोर्ट भेजी थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि गिरफ्तार कोलकाता के कारोबारी बकीबुर रहमान ने कथित राशन वितरण मामले से अकेले हजार करोड़ रुपये की कमाई की है। सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी के अधिकारी घोटाले के पूरे आकार को लेकर हैरान है, क्योंकि कथित घोटाले से अकेले रहमान की कमाई इतनी बड़ी है।
अभी तक, ईडी के अधिकारियों ने पूरे घोटाले के केवल एक हिस्से की ही गणना की है। सूत्रों ने कहा कि रहमान द्वारा विभिन्न तरीकों से जुटाई गई पूरी राशि 2011 और 2021 के बीच 10 साल की अवधि के दौरान थी, जब गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के पास खाद्य और आपूर्ति विभाग था।
मल्लिक वर्तमान में कोलकाता में राज्य संचालित एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती हैं। ईडी के अधिकारी गणना के इन सभी विवरणों को दूसरी चार्जशीट में शामिल करेंगे, जो निकट भविष्य में दायर की जाएगी।
अपनी पहली चार्जशीट में ईडी ने कहा कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक राशन वितरण मामले से पश्चिम बंगाल सरकार के खजाने को कुल 400 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि 400 करोड़ रुपये का यह प्रारंभिक अनुमान केवल राज्य के खजाने में हुए नुकसान से संबंधित है, न कि घोटाले के पूरे वित्तीय आकार से।
बंगाल के मंत्री के दफ्तर में ईडी का छापा
ईडी की एक टीम ने करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के कार्यालय की मंगलवार को तलाशी ली। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी घोटाले से जुड़े कुछ दस्तावेजों की तलाश में साल्ट लेक में ‘अरण्य भवन’ स्थित मलिक के कार्यालय गए थे। अधिकारी ने कहा, “ऐसे संकेत हैं कि मलिक ने अपने वन विभाग कार्यालय में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज छिपाए होंगे। आज का तलाशी अभियान उनका पता लगाने के लिए है।”
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