कोलकाता। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले मुफ्त राशन को उपभोक्ताओं को न देकर खुले बाजार में महंगी कीमत पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार बकीबुर रहमान से लगातार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। इस बीच पता चला है कि उसके कार्यालय से राज्य सरकार के कई विभागों की मुहरें जब्त की गईं हैं। इतना ही नहीं केंद्र सरकार की ओर से भेजे जाने वाले राशन को अवैध तरीके से मार्केट में बेचने के गृह में राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के भी कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की पुष्टि हुई है।
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक कार्यालय से बरामद सरकारी मुहरों में पश्चिम बंगाल आवश्यक वस्तु आपूर्ति निगम लिमिटेड, मुख्य निरीक्षक, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी और राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उप-निरीक्षक की असली मुहरें शामिल हैं। ईडी अधिकारियों का मानना है कि विभाग के अधिकारियों के एक वर्ग की सक्रिय भागीदारी के बिना, इतने सारे मुहर आरोपित के कार्यालय तक नहीं पहुंच सकते थे।
इस बीच, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को बकीबुर के नाम पर बड़ी संपत्ति और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं, जिसमें चावल-मिलें, होटल, बार-सह-रेस्तरां और कई महंगी गाड़़ियां शामिल हैं। अधिकारियों ने रहमान से जुड़ी कम से कम छह कॉर्पोरेट संस्थाओं की जानकारी भी हासिल की है, जिनके बारे में जांच अधिकारियों का मानना है कि ये वास्तव में शेल कंपनियां थीं, जिनका मकसद घोटाले की आय को इधर-उधर करना था।
इसके अलावा, इन कंपनियों के खातों से कई करोड़ रुपये की लेनदेन का पता लगाया गया है। ईडी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, आरोपित का कार्यक्षेत्र मुख्य रूप से उत्तर 24 परगना और नादिया जिले पर केंद्रित था। मुख्य आरोप यह है कि वह राज्य में उचित मूल्य की दुकानों के लिए आवंटित गेहूं और कुछ अन्य आवश्यक वस्तुओं को खुले बाजार में बेचता था। उससे लगातार पूछताछ कर उसके अन्य सहयोगियों के बारे में पता लगाया जा रहा है।