बंगाल पुलिस ने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर को भेजा नोटिस

कोलकाता। 31 जुलाई को बंगाल पुलिस ने झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 50 लाख रुपये भी बरामद किया है। बंगाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक बंगाल पुलिस ने इस मामले में ईडी रांची जोन के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर को नोटिस भेजा है और पूछताछ के लिए बुलाया है। बंगाल पुलिस में 160 सीआरपीसी के तहत नोटिस भेजा गया है। बता दें कि वर्तमान में वो ओड़िशा में पोस्टेड हैं। पश्चिम बंगाल की टीम मंगलवार को ओड़िशा पहुंचेगी और डिप्टी डायरेक्टर से पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि बंगाल पुलिस की टीम ने बीते दिनों अधिवक्ता राजीव कुमार के तीन ठिकाने पर छापेमारी की थी।

कोलकाता पुलिस की ओर से बताया गया, कि छापेमारी में मिले दस्तावेज से राजीव की कई वैध-अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। छापेमारी में हाथ लगे सबूतों के आधार पर कोलकाता पुलिस आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है। कोलकाता पुलिस की टीम कोलकाता और रांची में अधिवक्ता राजीव कुमार के कुछ करीबी लोगों से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छापेमारी में राजीव के घर के कमरे में काली डायरी मिली है।  पुलिस ने  दावा  किया है कि राजीव ने किन-किन लोगों से नकद या चेक से रुपये लिये हैं, इसकी जानकारी डायरी में मौजूद है।

पुलिस सूत्र बताते हैं कि छापेमारी में राजीव के घर से कई इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज भी जब्त हुए हैं। राजीव कुमार ने रांची से 30 किमी दूर सात एकड़ जमीन फार्म हाउस बनाने के लिए खरीदी थी। राजीव का दिल्ली के ग्रेटर कैलाश और नोएडा में फ्लैट व ऑफिस हैं। रांची में तीन मंजिला मकान के अलावा भी 16 फ्लैट हैं। लाल बाजार पुलिस सूत्र बताते हैं कि छापेमारी में जो भी संपत्ति का पता चला है,  उन्हें संदेह है कि PIL से छुटकारा दिलाने के बदले लोगों से वसूले गये रुपये से यह संपत्ति खरीदी गयी है। इन संपत्ति के बारे में राजीव कुमार से पूछताछ की जा रही है।

वहीं अधिवक्ता राजीव कुमार की पत्नी शर्मिला सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि 16 फ्लैट की बात कही गयी है लेकिन मेरे पास 16 फ्लैट नहीं,  बल्कि 16 कमरों का एक मकान है। जो पौने तीन कट्ठा में बना हुआ है।  हमारा कोई फार्म हाउस नहीं है। ठाकुरगांव के आड्रा इलाके में एक कृषि योग्य भूमि है, जो रांची से 50 किमी दूर है। जब्त डायरी के बारे में उन्होंने कहा कि उसमें सिर्फ मासिक घर खर्च का विवरण है। नोएडा का फ्लैट 10 वर्ष पूर्व खरीदा गया था। इसका भुगतान किस्तों में किया गया था। वहीं ग्रेटर कैलाश ऑफिस 2008 में खरीदा गया था, जो बेसमेंट में स्थित है। उसे तीन पार्टनर ने मिलकर खरीदा है।

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