उत्तर 24 परगना। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर में हुए विस्फोटों की एनआईए जांच की मांग की है। पत्र में सुकांत का दावा है कि इस विस्फोट के पीछे आतंकी गतिविधियां हो सकती हैं। इसलिए उन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुकांत ने निष्पक्ष जांच के लिए जांच एनआईए को सौंपने का अनुरोध किया है। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी यही दावा किया है। दूसरी ओर, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दत्तपुकुर घटना पर राज्य सरकार की आलोचना की है।
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मई में अवैध सट्टेबाजी फैक्ट्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। लेकिन रविवार की घटना इस बात का सबूत है कि कुछ नहीं किया गया। शुभेंदु के बयान के बाद तृणमूल के राज्य सचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वह शीशे के घर में बैठकर दूसरों के घरों पर पत्थर फेंक रहे हैं। कुणाल ने एगरा कांड का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र ने 100 दिनों के काम के लिए पैसा देना बंद कर दिया है, इसलिए लोग हाशिए पर हैं और ऐसी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।
रविवार सुबह करीब 8:30 बजे दत्तपुकुर का मोचपोल तेज आवाज के साथ हिल गया। पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में अब तक सात लोगों की मौत की खबर है। स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि प्रशासन की मदद से इलाके में लंबे समय से अवैध पटाखों का कारोबार चल रहा है। कई बार शिकायत करने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। स्थानीय निवासियों का दावा है कि केरामत अली नामक व्यक्ति उस फैक्ट्री का मालिक है।
उधर, पुलिस सूत्रों के मुताबिक विस्फोट में उनके बेटे रबीउल अली की मौत हो गयी है। विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद राज्य के मंत्री रथिन घोष ने कहा कि पूरी घटना के पीछे आईएसएफ नेतृत्व का हाथ है। उनकी पार्टी तृणमूल ने भी यही आरोप लगाया। हालांकि, भांगड़ से आईएसएफ विधायक नौशाद ने इस आरोप का खंडन किया।
इस राजनीतिक खींचतान के बीच भाजपा ने मांग की है कि घटना की जांच एनआईए से कराई जाए। केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे पत्र में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने चिंता जताई और कहा कि दत्तपुकुर घटना का महत्व बहुत बड़ा है। वहां जो हुआ वह राज्य के लिए चेतावनी का संकेत है। इस अपराध की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।