कोलकाता। राज्य सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच जारी तनातनी तब और भी तेज हो गई है, क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राज्य के संवैधानिक प्रमुख के खिलाफ संसदीय लोकतंत्र और सदन के कामकाज से जुड़े मामलों में दखल देने की शिकायत की है। विभिन्न राज्यों के स्पीकर और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ वर्चुअल बैठक में बनर्जी ने शिकायत की कि संसदीय लोकतंत्र और विधानसभा के कामकाज में राज्यपाल जगदीप धनखड़ का अत्यधिक हस्तक्षेप हो रहा है।
बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) ने यह भी शिकायत की कि विधानसभा द्वारा पारित होने के बावजूद, कई विधेयक राज्यपाल के पास लंबित पड़े हैं, क्योंकि उन्होंने उन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। स्पीकर ने कहा कि यह पश्चिम बंगाल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में अभूतपूर्व है, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
पिछले सात दिनों से उत्तर बंगाल के दौरे पर चल रहे धनखड़ राज्य सरकार के साथ कई मौकों पर विवादों में रहे हैं। हाल ही में धनखड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चुनाव के बाद की हिंसा पर राज्य सरकार के रुख की आलोचना की है। पत्र में धनखड़ ने मुख्यमंत्री से राज्य में हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय रहने का आग्रह किया।
धनखड़ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली भी गए और उम्मीद है कि उन्होंने राज्य में कथित अराजकता पर विस्तृत रिपोर्ट दी है। धनखड़ ने कई केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की है और उनसे राज्य के कई मुद्दों पर चर्चा की है।
विधानसभा के सूत्रों ने पुष्टि की कि विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य में अनियंत्रित वायरस संक्रमण के लिए चुनाव आयोग को भी जिम्मेदार ठहराया। आभासी बैठक में बोलते हुए बनर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित राज्य सरकार ने कई बार चरणों की संख्या कम करने का आग्रह किया था, लेकिन चुनाव आयोग अड़ा रहा और इसके परिणामस्वरूप राज्य में ऐसी कोविड की स्थिति पैदा हुई।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक तापस रॉय ने कहा, हम लंबे समय से कह रहे हैं कि वर्तमान राज्यपाल एक विशिष्ट राजनीतिक दल के मुखपत्र के रूप में काम कर रहे हैं। वह न केवल राज्य के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं बल्कि पश्चिम बंगाल सरकार को भी बदनाम कर रहे हैं।
हालांकि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई राज्यपाल के समर्थन में सामने आई है और उसने दावा किया कि राज्यपाल ने तो प्रदेश में सच्चाई उजागर की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा टीएमसी राज्यपाल से नाराज है, क्योंकि उन्होंने राज्य में अराजकता की स्थिति का खुलासा किया है। मेरे खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई हैं, लेकिन वे सभी निराधार हैं।