Kolkata Hindi News, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राजभवन ने गुरुवार को आम लोगों को एक घंटे से अधिक समय का सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया लेकिन इसमें वह कमरा शामिल नहीं था, जहां आरोप है कि राज्य के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने महिला कर्मचारी को शोषण किया था। द टेलीग्राफ ने इस खबर को प्रमुखता से छापा है।
अखबार के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज में महिला को राजभवन परिसर में देखा जा सकता है। गुरुवार शाम महिला ने कहा कि मेरी अनुमति के बिना मेरे चेहरे को बिना ब्लर किए लोगों को दिखाया गया और ऐसा करना एक अपराध है।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में शामिल एक व्यक्ति से मुझे मेरा वीडियो मिला, जिसमें मुझे ब्लर नहीं किया गया था। इसका मतलब है कि मुझे बदनाम करने के लिए ये वीडियो फैलाए जा रहे हैं। भारतीय कानून के मुताबिक कोई व्यक्ति यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाले की पहचान को उजागर नहीं कर सकता है।
फुटेज देखने के लिए राज्यपाल ने आम लोगों के लिए एक इमेल और फोन नंबर जारी किया है। अखबार के मुताबिक उसके रिपोर्टर फुटेज देखने के लिए वहां मौजूद थे। अखबार के मुताबिक दो कैमरों की फुटेज दिखाई गई। पहला कैमरा नॉर्थ गेट और दूसरा राजभवन पुलिस आउटपोस्ट के करीब लगा था।
राजभवन के एक कर्मचारी का कहना है कि पहली मंजिल पर बने उस कमरे का फुटेज नहीं दिखाया गया है, जहां कथित तौर पर महिला के साथ 2 मई को यौन शोषण किया गया था। अखबार के मुताबिक यह भी साफ नहीं है कि जहां 24 अप्रैल को कथित यौन शोषण हुआ था, वहां सीसीटीवी कैमरा है या नहीं।
द टेलीग्राफ के मुताबिक 2 मई, शाम 5.53 की एक फुटेज दिखाई गई है, जिसमें कथित तौर पर महिला शिकायतकर्ता जल्दबाजी में पुलिस आउटपोस्ट की तरफ जाते हुए दिखाई दे रही हैं। उनका चेहरा फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है। फुटेज में महिला एक हाथ उठाते हुए दिखाई देती हैं, जैसे वे पुलिस आउटपोस्ट पर मौजूद किसी व्यक्ति को कुछ कह रही हों।
इसके बाद वे पुलिस आउटपोस्ट की तरफ बढ़ती हैं। अखबार का कहना है कि ऐसी कोई भी फुटेज नहीं दिखाई गई है, जहां कथित यौन शोषण की घटना हुई थी।
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