बंगाल: कांथी निकाय चुनाव की मतगणना पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार

कोलकाता। कांथी नगरपालिका चुनाव के मामले में राज्य चुनाव आयोग को राहत मिली है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मतगणना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने निकाय चुनाव के दौरान हुए मतदान के फुटेज संरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश ने मामले में केंद्रीय आयोग को शामिल करने का निर्देश दिया है और राज्य चुनाव आयोग हलफनामे में पर्यवेक्षकों और राज्य के आरोपों के संबंध में जानकारी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को है।

इस बीच, 27 फरवरी को राज्य के 108 नगर पालिकाओं में हुए मतदान की मतगणना बुधवार को होगी। मतगणना की पूरी तैयारियां कर ली गयी हैं और सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। बीजेपी ने नेता सौमेंदु अधिकारी ने मुख्य न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर की थी और मतगणना पर रोक लगाने का आग्रह किया था। बीजेपी ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग करते हुए कहा था कि राज्य चुनाव आयोग देखें कि सीसी टीवी में क्या रिकॉर्डिंग हुई है. चुनाव के दिन क्या हुआ था।

एक स्वतंत्र जांच एजेंसी के साथ अदालत को रिपोर्ट करें. साथ ही उन्होंने मतगणना बंद करने का भी अनुरोध किया। यह आरोप लगाया गया था कि चुनाव दिन 91 सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये गए थे। बीजेपी के वकील परमजीत पटियारी ने कहा कि कांथी के प्रणब हलदर नाम के एक पोलिंग एजेंट ने अखिल गिरि के बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि 27 फरवरी को सुबह 8-9 बजे के बीच मतदान अच्छा चल रहा था। सुप्रकाश गिरि अचानक उन पर हमला कर देते हैं और कई उम्मीदवारों को पीटा गया. बूथों पर कब्जा किया गया है। इसलिए कल मतगणना रोक दी जाए।

आयोग की ओर से जयंत मित्रा ने बताया कि मतदान के दौरान आईएएस और 18 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी. आयोग ने कहा कि वह पहले आरोपों की जांच करेगा। 108 नगर पालिकाओं के लिए 108 संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी और शेष 18 आईएएस रैंक के अधिकारियों को नियुक्त किया गया था। फिर भी बीजेपी को आपत्ति है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच में समय लगेगा. एडवोकेट जनरल ने कहा कि कई आरोप लगाये गये हैं, राज्य सरकार इनका जवाब देना चाहती है। मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।

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