कोलकाता : बंगाल क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए तब भी भर्ती करें यदि वे कोविड-19 से संक्रमित पायी जाती हैं। आयोग ने यह निर्देश यह शिकायतें प्राप्त होने के बाद दिया है कि गर्भवती महिलाओं को वे निजी अस्पताल भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं जहां उन्होंने गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण कराया था।
आयोग की ओर से सोमवार को जारी परामर्श में कहा गया है, ‘‘सीज़ेरियन/ सामान्य प्रसव जैसे प्रसूति मामलों को देखने वाले यूनि-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल गर्भधारण करने के बाद पहली बार आने वाले अपने मरीजों को एक मुद्रित सूचना मुहैया कराएंगे और उस पर मरीज या मरीज पक्ष से हस्ताक्षर प्राप्त करेंगे जिसमें यह उल्लेखित होगा कि यदि मरीज कोविड-19 संक्रमित पायी जाती है तो इकाई उसे भर्ती नहीं करेगी, भले ही उसमें कोई लक्षण नहीं हो।
ऐसी इकाइयां अपने यहां पंजीकृत महिला रोग विशेषज्ञों से एक पूर्व प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगी कि उनकी इकाई मरीज को तब कोई इलाज मुहैया नहीं कराएगी यदि वह कोविड-19 से संक्रमित पायी जाती है। उसने हालांकि कहा कि यदि मरीज पहले से पंजीकृत है तो इकाई उसे इस आधार प़र भर्ती करने से इनकार नहीं कर सकती कि वह कोविड-19 से संक्रमित है।
आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, आयोग को निजी अस्पतालों के बारे में लोगों से कई शिकायतें मिलीं थीं कि निजी अस्पतालों ने गर्भवती महिलाओं को इस दलील के साथ भर्ती करने से इनकार कर दिया कि उनके यहां कोविड-19 महिलाओं के प्रसव को संभालने के लिए व्यवस्था नहीं हैं।
अन्य निजी अस्पतालों ने कहा है कि उनके पास कोविड-19 संक्रमित नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है। परामर्श में कहा गया है कि ऐसे मामलों में प्राधिकारियों को कम से कम तीन विकल्प देते हुए उचित इकाई में उसे भर्ती कराने की व्यवस्था करनी चाहिए।